पुडुचेरी: देश में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच पुडुचेरी से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. शनिवार को यहां कोरोना से मरे एक 43 वर्षीय शख्स के शव के साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल होने के बाद आला-अफसरों के बीच हड़कंप मच गया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सरकारी कर्मचारी शव को स्ट्रेचर से सीधे गड्ढे में फेंक रहे हैं. कोरोना मरीज़ के साथ इस तरह का व्यवहार बेहद चिंताजनक है.


अंतिम संस्कार करने में असमर्थ था मृतक का परिवार


जानकारी के मुताबिक, 43 वर्षीय मृतक चेन्नई का रहने वाला था. इस शख्स की पत्नी पुडुचेरी में अपने माता-पिता के साथ रह रही थी. यह अपनी पत्नी से मिलने पुडुचेरी आया था. बताया जा रहा है कि जब यह शख्स यहां पहुंचा तो अचानक इसके सीने में दर्द शुरू हो गया. इसके बाद इसे पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने इसे मृत घोषित कर दिया.


शव के पोस्टमार्टम के बाद कोरोना वायरस की जांच के लिए रुटीन टेस्ट किया गया, जिसके बाद पता चला कि शख्स कोरोना संक्रमित था. बताया जा रहा था कि इस शख्स के परिवार वाले इसका अंतिम संस्कार करने में असमर्थ थे, इसलिए सरकारी टीम ही शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले गई. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों ने शव को दफनाने के बजाय गड्ढे में फेंक दिया.


दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए- स्वास्थ्य निदेशक


इस घटना के सामने आने के बाद पुडुचेरी के स्वास्थ्य निदेशक डॉ मोहन कुमार ने कहा, 'सरकारी कर्मचारी कोरोना से डरे हुए हैं, इसी के चलते उनसे ऐसी गलती हुई है. वे शव को दफनाने जा रहे थे, लेकिन वहां मट्टी प्लेन नहीं थी, ऐसे में उनका बैलेंस बिगड़ा और शव गड्ढे में गिर गया. हमने उन्हें चेतावनी दे दी है कि दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए.'


उन्होंने आगे कहा, 'हमने जिला प्राधिकरण और अस्पताल प्राधिकरण को मामले की जानकारी दे दी है. हमने उनसे कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. इस तरह की गलती दोबारा स्वीकार नहीं की जाएगी.'


उल्लेखनीय है कि अस्पताल के अधिकारी, राजस्व, स्वास्थ्य और पुलिस सभी कोरोना मरीज़ के शव को दफनाने गए थे. स्वास्थ्य निदेशक ने आगे कहा कि हमने उन्हें गंभीरता से चेतावनी दी है. साथ ही हमने अस्पताल से दोबारा ऐसा न हो ऐसा स्पष्टीकरण भी मांगा है.


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