चीन की हर चाल को भारत का जवाब है बोगीबील पुल, जानें क्या है इसकी खासियत
अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2002 में बतौर प्रधानमंत्री इसके निर्माण कार्य की शुरुआत करवाई. इस पुल को वैसे तो 6 साल में बनकर तैयार होना था लेकिन इसे पूरा होने में 16 साल का लंबा वक़्त लग गया.
![चीन की हर चाल को भारत का जवाब है बोगीबील पुल, जानें क्या है इसकी खासियत bogibeel bridge assam india longest road cum rail bridge to be inaugurated by pm modi Know what s its specialty चीन की हर चाल को भारत का जवाब है बोगीबील पुल, जानें क्या है इसकी खासियत](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/22093711/bogibeel-bridge.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
डिब्रूगढ़ः असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे सड़क और रेल पुल के जरिए अब भारत चीन की हर हरकत पर लगाम कस सकेगा. असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने वाले इस 4.94 किलोमीटर लंबे पुल पर ऊपर सड़क है जिसपर गाड़ियां रफ्तार भर सकेंगी और नीचे के हिस्से में रेलवे ट्रैक जिसपर एक समय में 2 ट्रेन दौड़ सकेंगी. चीन भारत की सीमा से सटे इलाकों में सड़क और रेल का नेटवर्क बढ़ा रहा है और बार-बार सरहद पर उकसावे की हरकतों को अंजाम देकर हिंदुस्तान को ललकारने की कोशिश करता रहता है. लेकिन अब उसकी हर कोशिश को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हिंदुस्तान ने तैयार कर लिया है देश का सबसे लंबा सड़क और रेल पुल.
इससे पहले ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे डिब्रूगढ़ जिले से असम के बाकी इलाकों और अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचना अब तक टेढ़ी खीर था. विक्राल ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए लोगों के पास नाव ही एकमात्र जरिया था.
चीन से युद्ध जैसी स्थिति में क्या हम देश के दूसरे इलाकों से अपने सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश जल्द से जल्द भेज पाएंगे. ये सवाल कई सालों से हिंदुस्तानी फौज को परेशान कर रहे थे. लेकिन, अब ऐसे सभी सवालों का जवाब बनकर सामने आया है असम में बना देश का सबसे लंबा रेल और सड़क पुल.
बोगिबील पुल को भारतीय इंजीनियरिंग की मिसाल कहा जा रहा है क्योंकि इसे बनाकर भारतीय इंजीनियरों ने तकनीक और हुनर का नायाब नमूना पेश कर दिया है.
क्या है इस पुल की खासियत -बोगिबील पुल की लम्बाई 4.94 किलोमीटर है. -इस पुल पर रेल लाइन और सड़क दोनों बनाई गई हैं. -जिसमे ऊपर 3 लेन की सड़क बनाई गई है और पुल के नीचे के हिस्से में 2 रेलवे ट्रैक. -इन पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी. -इस पुल को बनाने में 5800 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. -ब्रह्मपुत्र नदी पर बना ये पुल कुल 42 खम्बो पर टिका हुआ है जिन्हे नदी के अंदर 62 मीटर तक गाड़ा गया है. -यह पुल 8 तीव्रता का भूकंप झेलने की क्षमता रखता है.
इस पुल को बनाने में इंजीनियरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि असम के बोगिबील में ब्रह्मपुत्र नदी की चौड़ाई 10 किलोमीटर से भी ज्यादा है. इसके अलावा मुश्किल ये थी कि ब्रह्मपुत्र नदी के रास्ते में बदलाव होता रहता है ऐसे में सबसे पहले इंजीनियरों ने यहां सीमेंट के बड़े-बड़े ढांचे खड़े किए और इस नायाब तकनीक से नदी की चौड़ाई को 5 किलोमीटर में बदल दिया.
बोगिबील पुल को बनने में 15 साल से ज्यादा का वक्त लगा, क्योंकि यहां मार्च से लेकर अक्टूबर तक बारिश होती रहती है. ऐसे में इतने महीनों तक काम पूरी तरह ठप पड़ जाता है. बाकी बचे महीनों में काम में तेजी लाकर जल्द से जल्द पुल खड़ा करने की कोशिश की गई.
अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2002 में बतौर प्रधानमंत्री इसके निर्माण कार्य की शुरुआत करवाई. इस पुल को वैसे तो 6 साल में बनकर तैयार होना था लेकिन इसे पूरा होने में 16 साल का लंबा वक़्त लग गया. यह पुल एशिया का दूसरा और भारत का सबसे लंबा रेल कम रोड ब्रिज़ है.
बोगीबील ब्रिज़ नदी के दक्षिणी छोर और उत्तरी छोर के बीच संपर्क को आसान बनाने वाला है. यानी कि नदी के उस पार अरुणाचल की सीमा पर चीन की किसी भी हरकत से भारत फौरन अपने सैनिक इस इलाके में भेज सकता है. जबकि पहले इस इलाके में नदी को पार करने के लिए रेलवे पुल 450 किलोमीटर दूर गुवाहटी में था.
दरसअल बोगिबील पुल की सामरिक लिहाज से इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है ताकि 1962 जैसा धोखा हमें फिर न मिल सके जब चीन ने अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों पर कब्ज़ा करने के लिए भारत पर हमला कर दिया था.
इस युद्ध के दौरान अगर चीन असम की तरफ रुख़ करता तो भारत के पास असम में ब्रहम्पुत्र के उत्तर के इलाकों को बचा पाने को कोई भी रास्ता नहीं था. क्योंकि चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उन इलाकों तक पहुंचना ही मुश्किल था लेकिन अब तस्वीर बदलने वाली है क्यूंकि 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी इस पुल को लोगों को समर्पित करने जा रहे हैं.
बिहार NDA में सीटों पर बन गई बात, रामविलास पासवान भेजे जाएंगे राज्यसभा, आज हो सकता है एलान
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)