Ashutosh Rana on Lord Ram: देश की राजधानी दिल्ली में थियेटर शो 'हमारे राम' में रावण का किरदार निभाने वाले बॉलीवुड कलाकार आशुतोष राणा ने कहा है कि दशानन की भूमिका खास है. आप रावण के मार्ग से राम को पा सकते हैं. राम को जानने के लिए रावण बहुत जरूरी है. 


बॉलीवुड कलाकार ने 'न्यूज-18 इंडिया' चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान आगे बताया- आप रावण के जरिए राम को जान सकते हैं. जो पुण्यात्मा (अच्छे काम करने वाला) हैं वह परमात्मा का स्मरण कर सकते हैं पर पापात्मा (जिसकी आत्मा सदा पापकर्म में फंसी या लिप्त रहे) स्फुरण करते हैं. पुण्यात्मा बेशक परमात्मा को पहचानने में कहीं चूक कर दे मगर पापात्मा परमात्मा को अंधेरे में भी पहचान लेती है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसका चित्त, चरित्र और चिंतन परमात्मा के प्रति जागरूकता के भाव से भरा होता है. यही वजह है कि आप रावण के रास्ते राम तक पहुंच सकते हैं."


चित्त, चरित्र और चिंतन में हैं राम- राणा


आशुतोष राणा से बातचीत के दौरान पूछा गया था कि आज के युग में भगवान राम कितने प्रासंगिक हैं? उनका जवाब आया, “यह कथा त्रेता युग में लिखी गई है. हमारे कितने लोगों की कथा 100 सालों से अधिक तक यात्रा करती है. इतने लंबे समय तक अगर कोई कथा चल रही है कि इसका सीधा मतलब ये है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे चित्त में भी हैं, चरित्र में भी हैं और चिंतन में भी हैं.”


"ये आचरण लाना ही है राम राज"


एक्टर के अनुसार, “आज के समय में जितने भगवान राम के चरण पूजनीय हैं उतने ही उनके आचरण भी पूजनीय हैं. इसलिए उनके चरित्र का आचरण जरूरी है. हम राम राज की बात करते हैं तो हमें अपने पिता को दशरथ की तरह मानना चाहिए, मां को कौशल्या की तरह, पत्नी को सीता की तरह मानना चाहिए. हममें भाइयों के लिए राज त्यागने का साहस होना चाहिए. इन आचरणों को लाना ही राम राज है."


कलाकार ने कहा- रावण लड़कर जुड़ने वाला है 


आशुतोष राणा ने आगे कहा, कुछ लोग जुड़कर लड़ते हैं और कुछ लोग लड़कर जुड़ते हैं. रावण लड़कर जुड़ने वाला है. उसका सानिध्य आपको निशंक करता है चाहे आप किसी भी भाव या भाषा से उनके संपर्क में आते हैं. राम और रावण दोनों ही शिव उपासक थे.


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