Sonu Sood on Farm Laws Withdrawn: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में पिछले करीब एक साल से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा कर दी. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है. उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार की तरफ से उठाए कदमों पर भी चर्चा की. जानिए पीएम मोदी के इस एलान के बाद बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) ने क्या बड़ी बात कही है.
जय जवान जय किसान- सोनू सूद
अभिनेता सोनू सूद ने ट्वीट करके कहा, ''किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे, देश के खेत फिर से लहराएंगे. धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया. जय जवान जय किसान.''
वहीं, अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने ट्वीट कर लिखा, ''जीत गए आप. आप की जीत में सब की जीत है.''
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है. मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है. बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे. पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था.
उन्होंने कहा, ''इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए. देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया. मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं. हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी, लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए.''