किसान आंदोलन के समर्थन में उतरीं एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, कहा- मैं किसान तो नहीं लेकिन रोटी से मेरा नाता है
दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर लगातार किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान टिकरी बॉर्डर से हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कलाकार भी उतर रहे हैं. आज बॉलीवुड की जानी मानी अदाकार स्वरा भास्कर ने भी किसानों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. स्वरा ने कहा मैं किसान तो नहीं हूं पर रोटी खाती हूं और रोटी किसान ही पैदा करता है. इसलिए मेरा किसानों से नाता है.
नई दिल्ली: किसान आंदोलन को समर्थन करने के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर शनिवार दोपहर टिकरी बॉर्डर पहुंची. स्वरा भास्कर के साथ मशहूर पंजाबी सिंगर हरभजन मान, आर्य गब्बर औऱ नूर चहल सहित कई पंजाबी सिंगर भी स्टेज पर मौजूद थे. इन सभी ने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. दोपहर करीब 1:00 बजे इन सभी कलाकारों को टिकरी बॉर्डर पहुंचना था. हालांकि तय कार्यक्रम से करीब 2 घंटे लेट करीब 3:00 बजे सभी कलाकार मंच पर पहुंचे औऱ फिर सभी ने कृषि कानूनों के विरोध में भाषण दिया.
स्वरा भास्कर ने कहा- मैं किसानी नहीं जानती, लेकिन रोटी से मेरा नाता है
स्वरा भास्कर ने कहा कि वो किसान नहीं है, किसानी नहीं जानती हैं लेकिन रोटी खाती हैं और रोटी किसान ही पैदा करता है. इसलिए मेरा किसानों से नाता है. इसलिए में यहां आई हूँ. यह समझना कि आंदोलन इनका है हमारा नहीं है यह अहंकार है. स्वरा भास्कर ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि यह समझना कि किसानों से ज्यादा उनके फायदे को सरकारी बाबू समझता है तो बिल्कुल गलत है. यह भी एक अलग किसम का अहंकार है.
सरकार भी 9 संशोधन के लिए मान गई है, इसका मतलब कहीं ना कहीं गड़बड़ है और यह बात सरकार भी मानती है. स्वरा का कहना था कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि ऐसी क्या मौत आ गई है यही कानून लागू करना ही जरूरी है. एक आरटीआई से भी साफ हो गया है कि किसानों से कोई सलाह मशवरा नहीं किया गया था जब कानून बनाए गए थे.
सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत में नहीं निकला कोई हल
इससे पहले गुरुवार को किसानों ने कुंडली मानेसर हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला था. जिसमें हजारों की संख्या में ट्रैक्टर मौजूद थे. इस ट्रैक्टर मार्च के जरिए किसानों की कोशिश शक्ति प्रदर्शन करने की थी जिससे सरकार पर दबाव बनाय जा सके. लेकिन ट्रैक्टर रैली के बाद भी किसानों और सरकार के बीच हुई वार्ता में कोई हल नहीं निकला. किसान अपना आंदोलन और मजबूत करने की बात कर रहे हैं. किसान अड़े हुए हैं कि सरकार अगर तीनों कानून वापस नहीं लेगी तो फिर उनका यह ट्रैक्टर मार्च 26 जनवरी को दिल्ली में निकलेगा.