कानून के प्रावधानों के तहत, किसी व्यक्ति के एक बार भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने के बाद अभियोजन एजेंसी के पास आरोपी की संपत्तियों को जब्त करने की शक्तियां आ जाती हैं.
माल्या ने निचली अदालत में आवेदन दायर करके ईडी की याचिका पर सुनवाई पर 26 नवंबर तक रोक का अनुरोध किया था. 26 नवंबर को पीएमएलए के तहत संचालित अपीलीय न्यायाधिकरण बैंकों के परिसंघ द्वारा उनका बकाया वापस पाने के लिए दायर मामलों की सुनवाई करेगी. विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर को माल्या का आवदेन खारिज किया था जिसके बाद शराब कारोबारी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
माल्या के वकील अमित देसाई ने बृहस्पतिवार को जस्टिस आर एम सावंत और जस्टिस वी के जाधव की बेंच से कहा कि उनकी याचिकाओं को कार्यवाही से भागने की कोशिश नहीं माना जाना चाहिए. अमित देसाई ने कहा कि हम भी बकाया चुकाने को लेकर चिंतित हैं और देखना चाहते हैं कि धनदाताओं को उनका बकाया वापस मिले. हम केवल इतना चाहते हैं कि ईडी द्वारा संपत्तियां जब्त नहीं हों क्योंकि यह बकाया चुकाने की प्रक्रिया को प्रभावित करेगा. हालांकि हाई कोर्ट ने कहा कि वह कोई राहत देने के पक्ष में नहीं है.