Bombay HC News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ड्रग्स के युवाओं की जिंदगी और शरीर पर दुष्रभाव का हवाला देते हुए एक शख्स की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि नशीले पदार्थ सिर्फ एक आदमी को नहीं बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद कर देते हैं. चरस ब्राउनीज बेचने के आरोप में दो साल से जेल में बंद एक शख्स की जमानत याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था.


जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई ने कहा कि ड्रग्स और नशीले पदार्थ युवाओं में फिजिकल, मनोवैज्ञानिक और इमोश्नल डिस्ऑर्ड्स का खतरा बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि इसके दुष्प्रभाव लंबे समय तक व्यक्ति पर असर डालते हैं और इससे सिर्फ वो व्यक्ति नहीं बल्कि इसमें पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है. 


WeFast एप के जरिए चला रहा था धंधा
इस मामले की जांच कर रहे नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दावा किया कि आरोपी से यंगस्टर्स और छात्रों को नशीले पदार्थ मरिजुआना से बनी हुई ब्राउनी बेचता था. एनसीबी ने यह भी बताया कि वह एक एप WeFast के जरिए यह धंधा चला रहा था और ऑनलाइन चरस से बनी हुई ब्राउनीज बेचता था. इसके बाद उसके ठिकानों पर रेड मारी गई, जिसमें 10 किलो चरस की ब्राउनी बरामद की गईं.


2021 से जेल में बंद है आरोपी
एनसीबी की तरफ से वकील श्रीराम श्रीसत ने कहा कि आरोपी के बयानों से लगता है कि वह युवाओं को निशाना बना रहा था क्योंकि उसके ज्यादातर ग्राहक यंगस्टर्स ही हैं और ऐसा करके वह उनका भविष्य भी प्रभावित कर रहा था. उधर, आरोपी के वकील तारक सैय्यद ने एनसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठाया और जमानत की मांग की. वकील ने कहा कि वह एक युवा लड़का है और उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. आरोपी 12 जुलाई, 2021 से जेल में बंद है.


कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया. जस्टिस प्रभुदेसाई ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस बात की संभावना है कि आरोपी फिर से चरस ब्राउनी बेचना शुरू कर दे.


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