उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दर्ज हुए FIR में विवादित बेब सीरिज तांडव के डायरेक्टर अली अब्बास जफर,  अमेज़न की कंटेंट हेड और अन्य लोगों को बॉम्बे हाई कोर्ट से 3 हफ्ते की ट्रांजिट अंतरिम राहत मिली है. 3 हफ्ते के भीतर इन्हें इस मामले से जुड़े हुए कोर्ट में अंतरिम राहत के लिए याचिका कर सकते है.


यूपी मे केस दर्ज होने के बाद तांडव के निर्माताओं की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी. तांडव निर्माताओं के खिलाफ 18 जनवरी को लखनऊ में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में केस दर्ज कराया गया था.


विवादास्पद वेब सीरीज ‘तांडव’ से कम से कम दो दृश्य हटा दिये गए हैं. सीरीज की प्रथम कड़ी ‘तानाशाह’ से दो दृश्य हटा दिये गए हैं, जिनमें मुख्य किरदारों के बीच बातचीत का एक दृश्य भी शामिल है. उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही अमेजन प्राइम वीडियो की इस सीरीज के निर्माताओं एवं कलाकारों ने एक बार फिर से माफी मांगी थी और कहा था कि उन्होंने इस संबंध में चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ बदलाव करने का फैसला किया है.


इस सीरीज को लेकर विवाद के केंद्र में वह दृश्य है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है. इस दृश्य में भगवान शिव का किरदार निभा रहे जीशान अयूब और नारद मुनि के बीच एक संवाद को लेकर आपत्ति जताई गई थी. यह दृश्य हटा दिया गया है. अब जीशान दर्शकों की तालियों के बीच भगवान शिव के वेश में मंच पर आते दिख रहे हैं और इसबीच, परिसर में पुलिस द्वारा एक छात्र को गिरफ्तार किये जाने को दिखाया जाना शुरू हो जाता जाता है.


साथ ही, सीरीज में प्रधानमंत्री देवकी नंदन सिंह के संवाद में दलित नेता कैलाश कुमार का अपमान करने वाले दृश्य को भी हटा दिया गया है. इसमें सिंह का किरदार तिगमांशु धूलिया, जबकि कुमार का किरदार अनूप सोनी निभा रहे हैं. सिंह और संध्या मृदुल के संध्या किरदारों के बीच दृश्य को भी छोटा कर दिया गया है.


हालांकि, इसके बावजूद भी सीरिज पर संकट गहराता जा रहा है. इस सीरीज का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है. इसमें बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान, डिंपल कपाडिया और मोहम्मद जीशान अयुब ने अभिनय किया है. इस बीच, महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि राज्य पुलिस को विवादास्पद वेब श्रृंखला ‘‘तांडव’’ के बारे में एक शिकायत मिली है. देशमुख ने यहां पत्रकारों से बातचीत में मांग की कि केन्द्र सरकार को ‘ओवर द टॉप (ओटीटी) मंचों पर सामग्री को विनियमित करने के लिए एक कानून लाना चाहिए. देशमुख ने कहा, ‘‘हमें शिकायत मिली है। हम प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करेंगे और औपचारिक रूप से कार्रवाई करेंगे.’’