Rayees Ahmad Sheikh: बॉम्बे हाई कोर्ट से नहीं मिली रईस अहमद शेख को जमानत, RSS हेडक्वार्टर की रेकी करने का था आरोप
Rayees Ahmad Sheikh: RSS हेडक्वार्टर की रेकी करने के आरोप में नागपुर जेल में बंद रईस अहमद शेख को जमानत नहीं मिली है. बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी है.

Rayees Ahmad Sheikh: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार (21 मार्च) को जम्मू-कश्मीर के पोरा पुलवामा के रहने वाले रईस अहमद शेख को जमानत देने से इनकार कर दिया. रईस पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कार्यकर्ता होने का आरोप है. उन्हें नागपुर के रेशिमबाग इलाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के हेडक्वार्टर और संस्थापक डॉ. हेडगेवार के स्मारक की रेकी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
जस्टिस नितिन सूर्यवंशी और जस्टिस प्रवीण पाटिल की बेंच ने रईस की जमानत याचिका खारिज की. रईस वर्तमान में नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है. हाई कोर्ट में उसका प्रतिनिधित्व एडव्होकेट निहालसिंह राठौड़ ने किया. उन्होंने तर्क दिया कि रईस को किसी भी गैरकानूनी गतिविधि के लिए रेकी करने से जोड़ने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं. उन्होंने यह भी दलील दी कि रईस के खिलाफ ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जो गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के दायरे में आते हों.
रईस के विरोध में क्या दलीलें दी गईं?
सरकारी वकील देवेंद्र चौहान ने तर्क दिया कि रईस जो करते हुए पकड़ाया, वह भविष्य के आतंकवादी हमले की योजना बनाने का प्रारंभिक कदम थी. यह UAPA के अंतर्गत आती हैं. उन्होंने कहा कि नागपुर में न तो रईस का कोई रिश्तेदार रहता है, न यहां उसका व्यवसाय है. उसके शहर में आने का कोई स्वाभाविक कारण नजर नहीं आता. उन्होंने रईस के द्वारा देश के बाहर के नंबरों पर किए गए कॉल से संबंधित डेटा की ओर भी बेंच का ध्यान दिलाया.
साढ़े तीन साल पहले हुई थी गिरफ्तारी
रईस अहमद शेख को 15 सितंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था. आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार के स्मारक के पास से उसे पकड़ा गया था. आरोप है कि वह हेडगेवार के स्मारक की रेकी कर चुका था और RSS हेडक्वार्टर को जोड़ने वाली छह गलियों की भी रेकी लेने की फिराक में था लेकिन बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के कारण वह ऐसा नहीं कर सका.
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