Bombay High Court: केंद्रीय कानून मंत्रालय ने गुरुवार (23 नवंबर 2023) को बॉम्बे हाईकोर्ट में सोमशेखर सुंदरसन की नियुक्ति की आधिकारिक सूचना जारी कर दी. सुंदरसन को दो साल के लिए जज बनाया गया है, बाद में उनको परमानेंट भी किया जा सकता है. उनके नाम को लेकर सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई थी और कॉलेजियम से कहा था कि उनको किसी और नाम पर विचार करना चाहिए.


हालांकि कॉलेजियम ने दुबारा सुंदरसन के नाम को जज बनाने को लेकर अपनी सिफारिश भेजी. लगभग दो साल की रस्साकसी के बाद सरकार ने उनके नाम को मंजूरी दे दी. इससे पहले सरकार उनके वकील रहने के दौरान सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के लिए उनका विरोध कर रही थी. सरकार की आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,'सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. इसके लिए यदि वह किसी संवैधानिक पद की योग्यता की शर्तों को पूरा करते हैं तो उनके इसके लिए नहीं रोका जा सकता है.'


कौन हैं सोमशेखर सुंदरसन?
सोमशेखर सुंदरसन 1996 बैच के मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के स्टूडेंट थे. उनको कंपनी लॉ और उससे जुड़े सभी पहलुओं का विशेषज्ञ माना जाता है. वह पांच साल तक पत्रकारिता भी कर चुके हैं. उन्होंने पत्रकार बनने के बाद एक लॉ फर्म के लिए काम किया. सुंदरसन केंद्र सरकार की सेबी और आरबीआई द्वारा गठित समितियों के सदस्य रहे हैं. उन्होंने बैंकों के अधिग्रहण, व्यापार और कॉर्पोरेट प्रशासन को नियंत्रित करने वाले कानूनों का मसौदा तैयार किया था, और वित्तीय क्षेत्र द्वारा अनुशंसित भारतीय वित्तीय संहिता तैयार करने में सक्रिय रूप से शामिल थे.


अपनी नियुक्ति से पहले तक सुंदरसन कॉर्पोरेट दिवाला और परिसमापन पर भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड की सलाहकार समिति में कार्यरत हैं. वह निरमा यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य भी हैं. 


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