कंगना रनौत के दफ्तर में की गई कार्रवाई को BMC ने सही बताया, HC से कहा- अवैध निर्माण को गिराया गया
बुधवार को बीएमसी ने कंगना रनौत के दफ्तर में हुए निर्माण को अवैध बताते हुए तोड़ दिया था. इस कार्रवाई को कंगना ने बंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस में बीएमसी की तोड़फोड़ के मामले में आज सुनवाई की. बुधवार को हाई कोर्ट ने पूछा था कि नगर निकाय के अधिकारी संपत्ति के भीतर क्यों गए जबकि उसकी मालिक वहां मौजूद नहीं थी? ऐसे ही कई सवालों का जवाब आज बीएमसी ने दाखिल किया.
बीएमसी ने अपने हलफनामा में कार्रवाई को सही बताते हुए कहा कि अवैध निर्माण को गिराया गया. नियमों के तहत कार्रवाई की गई. अवैध निर्माण के मामले में अदालत को दखल नहीं देना चाहिए.
सुनवाई टली
हलफनामा दाखिल किए जाने के बाद कंगना के वकील ने दलील रखनी शुरू की. जिसके बाद हाई कोर्ट ने कहा कि BMC के हलफनामे पर 14 सितंबर तक कंगना के वकील जवाब दाखिल करें. नया तथ्य रखना चाहते हैं तो वह भी रखें.
वहीं बीएमसी के वकील से कहा गया कि 18 सितंबर तक बीएमसी कंगना की दलीलों पर अपना पक्ष रखें. इसी के साथ हाई कोर्ट ने 22 सितंबर तक सुनवाई टाल दी.
अदालत ने कंगना के दफ्तर को लेकर यथास्थिति बरकरार रखने के लिए कहा. बीएमसी ने रनौत के ऑफिस में अवैध बदलावों पर बुधवार को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी. रनौत ने अपने वकील रिज़वान सिद्दीकी के जरिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
रनौत ने हाल में मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की है, जिसपर सत्तारूढ़ शिवसेना ने नाराजगी जताई. बीएमसी पर शिवसेना के नियंत्रण में है.
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