मुंबई. बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल को कथित तौर पर नई दिल्ली से अनाधिकारिक और 'चुपके' से रेमडेसिविर टीके खरीदने को लेकर आपत्ति जताई. साथ ही उल्लेख किया कि कोविड-19 रोधी इस दवा को जरूरतमंदों के बीच समान अनुपात में वितरित किया जाना चाहिए. सुजय विखे पाटिल पश्चिमी महाराष्ट्र की अहमदनगर सीट से लोकसभा सांसद हैं. हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने कहा कि विखे पाटिल का यह कदम शायद गरीब और जरूरतमंद मरीजों की जान बचा सकता है, लेकिन उन्होंने जो रास्ता चुना, वो गलत था और 'यह रॉबिनहुड जैसी परिस्थिति भी नहीं हो सकती.'


जिलाधिकारी करेंगे जांच
कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच किए जाने की आवश्यकता है. हालांकि, कोर्ट इस चरण में ऐसा करने से बच रही है क्योंकि उसने सांसद को क्लीनचिट देने के लिए अहमदनगर के जिलाधिकारी को तलब किया है. न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ' एक गलत रास्ते को अपनाना अंतत: अनुचित करार दिया जाता है. रेमडेसिविर टीके का उपयोग और वितरण सभी के बीच समान अनुपात में किया जाना चाहिए, ना कि इस तरह.'


सुजय विखे पाटिल ने खरीदी थी 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन
कोर्ट ने कहा, 'हम केवल यह जानना चाहते हैं कि विखे पाटिल ने कैसे अनाधिकारिक और चुपके से रेमडेसिविर की शीशियां खरीदीं?' पीठ चार कृषि विशेषज्ञों की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली से अवैध तरीके से रेमडेसिविर टीके की 10,000 शीशियां खरीदने और अहमदनगर में वितरित किए जाने के आरोप में पाटिल के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का अनुरोध किया था.


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