नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच संयुक्त सचिव की बैठक खत्म हो गई. यै बैठक करीब दो घंटे तक चली. लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव कम करने के तौर-तरीकों को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारत-चीन के बीच कूटनीतिक वार्ता शुरू थी.


अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू जियांगहो के बीच यह वार्ता शुरू हुई. पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं से हटने पर चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी आपसी सहमति के दो दिन बाद यह वार्ता हुई.


5 जून को भी संयुक्त सचिव स्तर का संवाद हुआ था


इससे पहले दोनों देशों के बीच 5 जून को भी संयुक्त सचिव स्तर का यह संवाद हुआ था. इसके बाद 6 जून को दोनों देशों के बीच चुशूल में सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी. हालांकि इस बैठक के दौरान तनाव घटाने को लेकर बनी सहमति जमीन पर नहीं उतर पाई थी. वापस न जाने को लेकर चीनी सैनिकों की जिंद और आक्रामक तेवरों के कारण दोनों देशों के बीच 15 जून को तनाव खून-खराबे वाले संघर्ष में तब्दील हो गया था. इसमें भारत के 20 और इससे अधिक सैनिक चीन को गंवाने पड़े थे.


सोमवार को हुई थी कोर कमांडर्स की बैठक


बता दें कि दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के 'डिसइंगेजमेट' के लिए तैयार हो गई हैं.‌ सोमवार को दोनों देशों के कोर कमांडर्स की हुई मैराथन बैठक के बाद इस बात का फैसला लिया गया.


ये बैठक ऐसे समय में हुई जब गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. इस झड़प में चीन के भी कई जवान हताहत हुए लेकिन चीन ने आंकड़ा नहीं जारी किया.


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