चीन बॉर्डर से सैनिक कम नहीं करेगा भारत! ड्रैगन को आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी की दो टूक
Army Chief General Upendra Dwivedi: चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि चीन के साथ अभी सीमा विवाद पूरी तरह से सुलझा नहीं है.
Army Chief General Upendra Dwivedi: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब भी कुछ अंश तक गतिरोध बरकरार है और दोनों पक्षों को बैठकर इस मुद्दे पर व्यापक समझ बनाने की जरूरत है कि स्थिति को कैसे शांत किया जाए.
इस दौरान उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को संवेदनशील लेकिन स्थिर बताया है. उन्होंने कहा कि कोर कमांडरों को अब गश्त और मवेशियों को घास चराने से संबंधित मामूली मुद्दों या मामूली विवादों को हल करने की शक्तियां सौंपी गई हैं ताकि वे बाद में बड़ा मुद्दा ना बनें.
'नहीं कम होगी सैनिकों की संख्या'
सेना प्रमुख ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "भारत चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात अपने सैनिकों की संख्या में निकट भविष्य में कोई कमी नहीं करेगा. बफर जोन नाम की कोई चीज नहीं है क्योंकि हिंसा की संभावना से बचने के लिए कुछ क्षेत्रों में गश्त पर अस्थायी रोक लगा दी गई है."
अप्रैल 2020 में टकराव शुरू होने के बाद से क्षेत्र में आए बदलावों की चर्चा करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र से ‘छेड़छाड़’ की है, निर्माण कार्य किए, सैनिकों की तैनाती की और सैन्य साजोसामान का भंडारण किया. इसी वजह से अभी भी गतिरोध बरकरार है. अब चूंकि अप्रैल 2020 के बाद स्थिति बदल दी गई है इसलिए दोनों देशों के बीच विश्वास की एक नयी परिभाषा होनी चाहिए.
उत्तरी सीमाओं को लेकर कही थी ये बात
उत्तरी सीमाओं को लेकर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं कि स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है. अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में स्थिति सुलझ गई. इन दो उप-क्षेत्रों में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है. इसी तरह, इन दोनों क्षेत्रों में पारंपरिक चराई भी शुरू हो गई है. मैंने अपने सभी सह-कमांडरों को गश्त और चराई के संबंध में जमीनी स्तर पर इन मुद्दों को संभालने के लिए अधिकृत किया है ताकि इन मुद्दों को सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके. LAC पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं. उत्तरी सीमाओं के लिए एक फोकस क्षमता विकास ने युद्ध-लड़ने की प्रणाली में आला तकनीक के संचार को सक्षम किया. जनरल द्विवेदी ने आगे कहा कि सेना सीमा संबंधी मसलों को लेकर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक के साथ-साथ भारत-चीन सीमा मामलों पर डब्ल्यूएमसीसी के तहत बातचीत की उम्मीद कर रही है.