BRO के मजदूर संगठन का दिल्ली में 48 घंटे के भूख-हड़ताल का एलान
चीन सीमा पर सड़क और दूसरी मूलभूत सुविधाओं को तैयार करने वाली संस्था बीआरओ के मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली में 48 घंटों की भूख-हड़ताल का ऐलान किया है.
नई दिल्ली: चीन सीमा पर सड़क और दूसरी मूलभूत सुविधाओं को तैयार करने वाली संस्था बीआरओ के मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली में 48 घंटों की भूख-हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान माना जा रहा है कि कई हजार मजदूर सीमा पर चल रहे काम रोक देंगे.इस बात की घोषणा खुद बीआरओ के लेबर यूनियन ने राजधानी दिल्ली में दी. खास बात ये है कि इन दिनों बीआरओ के डीजी भी चीन सीमा पर चल रहे कामों की समीक्षा के लिए अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं.
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाईजेशन यानि बीआरओ की कैजुयल लेबर के संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दावा किया कि सीमा पर काम करने वाले मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय हैं.
बीआरओ ने कहा कि ना तो उन्हें लेबर लॉ़ के तहत कोई मूलभूत सुविधाएं दी जाती हैं और ना ही सोशल सिक्योरिटी एक्ट उनपर लागू होता है. यही वजह है कि काम के दौरान उन्हें ना तो रहने के लिए कोई सही हट दी जाती है और ना ही बिजली पानी की कोई सुविधा होती है. महिलाओं को मेटरनिटी-लीव तक नहीं मिलती है.
बीआरओ लेबरर्स यूनियन (नार्थ-ईस्ट) के अध्यक्ष, लेकी शेरिंग के मुताबिक वर्ष 2012 से वे अपनी मांगों को लेकर रक्षा मंत्रालय से लेकर श्रम मंत्रालय और सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय तक के दरवाजें खटखटा चुके हैं. लेकिन कहीं कोई सुनवाई ना होती देख वे चीन सीमा से दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर 48 घंटे (22-24 नबम्बर) की भूख हड़ताल करने जा रहे हैं.
आपको बता दें कि बीआरओ चीन, पाकिस्तान और म्यांमार सीमा पर सड़कों, हवाई पट्टी इत्यादि जैसी सैन्य सुविधाओं को तैयार करने वाला संगठन है जो सीधे रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है. सीमा सड़क संगठन इन कार्यों के लिए बड़ी तादाद में अस्थायी मजदूरों को काम देता है. ये मजदूर अधिकतर स्थानीय निवासी होते हैं जो 17-18 हजार फीट की उंचाई पर पहाड़ों में, जंगलों इत्यादि में ये काम बीआरओ की देखरेख में करते हैं.
उंचे पहाड़ों पर सड़क बनाने के दौरान हर साल बड़ी तादाद में इन मजूदरों की दुर्घटना में मौत हो जाती है. दरअसल, रक्षा मंत्रालय का कहना है कि बीआरओ के मजदूर डेली-बेसिस (दैनिक-आधार) पर काम करते हैं प्रोजेक्ट्स के आधार पर और सीजिन के आधार पर इसलिए उन्हें स्थायी मजदूरों वाली सुविधाएं नहीं दी जा सकती।
इस बीच रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, चीन सीमा पर चल रहे सीमा संबधी कार्यों की समीक्षा के लिए बीआरओ के डीजी, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह दो दिन (21-22 नबम्बर) के दौरे पर अरूणाचल प्रदेश गए हैं. इस दौरान उन्होनें ताकसिंग से ग्लेनसिनयाक-बीदक तक पैदल यात्रा की और मुश्किल हालात में चल रहे प्रोजेक्टस की जानकारी ली.