अयोध्या विवाद: श्री श्री रविशंकर के मध्यस्थता वाले बयान पर भड़के दोनों पक्ष
कल्कि महोत्सव में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के संभल पहुंचे डॉक्टर रामविलास वेदांती ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन की लड़ाई लड़ते हुए न्यास और विश्व हिंदू परिषद के लोग जेल गए.
नई दिल्ली: अयोध्या विवाद के हल के लिए श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता को लेकर दोनों ही पक्ष भड़क गए हैं. राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर रामविलास वेदांती ने कहा है कि अयोध्या विवाद से श्री श्री रविशंकर का कुछ भी लेना देना नहीं है, इसलिए उनकी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी.
वहीं दूसरी ओर ग़रीब नवाज़ फाउंडेशन के चैयरमेन अंसार रज़ा ने भी श्री श्री रवि शंकर के मध्यस्थता का विरोध किया है. अंसार रजा ने कहा कि श्री श्री को बीच में बोलने का कोई हक़ नहीं, दोनों पक्षों को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए.
डॉ. वेदांति ने कहा, ''श्री राम जन्मभूमि आंदोलन राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने लड़ा है. इसलिए वार्ता करने का मौका भी इन्हीं दोनों संगठनों को मिलना चाहिए. देश के धर्माचार्य और उलेमाओं को बैठकर इस मसले का हल निकालना चाहिए लेकिन इसमें श्री रवि शंकर के लिए कोई गुंजाईश नहीं है ! वो तो कभी अयोध्या आये भी नहीं हैं उनका इस से क्या मतलब वो योग सिखाएं.''
कल्कि महोत्सव में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के संभल पहुंचे डॉक्टर रामविलास वेदांती ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन की लड़ाई लड़ते हुए न्यास और विश्व हिंदू परिषद के लोग जेल गए. वह खुद 27 बार जेल गए और 35 बार नजर बंद किए गए. ऐसे में जब अयोध्या विवाद के हल के लिए वार्ता का नंबर आया तो यह श्री रविशंकर कहां से आ गए. विवाद के हल के लिए वार्ता अयोध्या के लोगों को करनी चाहिए. श्री श्री रविशंकर दुनिया को योगा सिखा रहे हैं तो सिखाएं, अपना एनजीओ चला रहे हैं तो चलाएं.