मुंबई: बीएमसी में शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा बयान दिया है. नितिन गडकरी का कहना है कि दोनों पार्टियों में से किसी के पास भी बहुमत का आंकड़ा नहीं है. ऐसे में दोनों पार्टियों को साथ मिल कर काम करने पर विचार करना चाहिए और अंतिम फैसला दोनों पार्टियों के नेता और सीएम देवेंद्र फडणवीस को लेना चाहिए.


 





इसके साथ ही नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने की बात करके महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को अस्थिर करना चाहती है.


आपको बता दें कि बीएमसी चुनाव में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग और एक साथ भी बीएमसी में अपनी सत्ता कायम करने को लेकर जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं. अलग-अलग फॉर्मूलों की चर्चा जोरों पर है. बीएमसी चुनाव में शिवसेना को 84 सीटें मिली हैं तो वहीं बीजेपी की झोली में 82 सीटें गई हैं. अब तक के बदलते समीकरण में शिवसेना को 4 और बीजेपी को 1 निर्दलीय पार्षद का समर्थन मिल चुका है.


क्या शिवसेना-कांग्रेस साथ आ सकते हैं?


अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या बीएमसी की सत्ता हासिल करने के लिये शिवसेना, कांग्रेस के साथ बीजेपी की दुश्मनी का हवाला देकर उससे मदद मांगेगी क्योंकि बीएमसी नतीजों के बाद कांग्रेस नेता नारायण राणे ने भी कह दिया है कि शिवसेना हमारी दुश्मन नहीं है.


हालांकि, इस बीच कांग्रेस ने कहा कि वो शिवसेना को तब ही समर्थन करेगी, जब तक शिवसेना देवेंद्र फडणवीस सरकार से समर्थन वापस नहीं लेती है.


आपको बता दें बीएमसी के मौजूदा मेयर का कार्यकाल आठ मार्च को खत्म हो रहा है यानि 9 मार्च को नए मेयर का चुनाव होना है, शिवसेना और बीजेपी जोड़-तोड़ में लगी तो हैं.