Brahmos Missile: नए साल में भारत की सबसे घातक मिसाइल, ब्रह्मोस फिलीपींस के जंगी बेड़े का हिस्सा बन सकती है. अगर ऐसा हुआ तो दुनिया की एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस भारत के साथ-साथ फिलीपींस की नौसेना का हिस्सा बन सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि फिलीपींस की सरकार ने अपनी नौसेना के लिए समुद्री-तट से लॉन्च होने वाली एंटी-शिप मिसाइल के लिए एक अलग फंड सुरक्षित किया है. क्योंकि फिलीपींस और भारत में पिछले कुछ सालों से ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे को लेकर बातचीत चल रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देश, फिलीपींस ब्रह्मोस को भारत से जल्द खरीद सकता है.


जानकारी के मुताबिक, फिलीपींस की सरकार ने अपनी नौसेना के लिए 2.8 बिलियन पिसो यानि करीब 413 करोड़ की राशि समुद्री-तट से लॉन्च होने वाली एंटी-शिप मिसाइल के लिए सुनिश्चित की है. पिछले साल जब भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे को लेकर बातचीत चल रही थी, तब फिलीपींस के रक्षा सचिव ने ब्रह्मोस के लिए फंड जुटाने का एक बड़ी चुनौती बताया था. हालांकि, उन्होंने कहा था कि भारत से ब्रह्मोस मिसाइल लेने का प्रोग्राम सही दिशा में चल रहा है.


खास फंड सुनिश्चित किए गए


फिलीपींस के बजट-विभाग ने हाल ही में अपनी देश की नौसेना के लिए दो स्पेशल एलोटमैंट रिलीज ऑर्डर यानि खास फंड सुनिश्चित किए हैं. इनमें से एक 1.3 बिलियन पेसोस (फिलीपींस की मुद्रा) और एक 1.5 बिलियन पेसोस का है. दोनों ही फंड फिलीपींस की नौसेना के मिसाइल सिस्टम की शुरुआती फंडिंग के लिए है.


रूस की मदद से तैयार की गई ब्रह्मोस को भारत ने 'प्राइम स्ट्राइक वैपन' घोषित किया है. ब्रह्मोस, भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों के ही जंगी बेड़े का हिस्सा है. चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने एलएसी पर ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती पूर्वी लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक कर रखी है. साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई लड़ाकू विमान भी एलएसी के करीब एयर-बेस पर तैनात कर रखे हैं. 




रूस को कोई ऐतराज नहीं 


आपको बता दें कि फिलीपींस दूसरा ऐसा देश जो ब्रह्मोस को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है. इससे पहले कई साल तक वियतनाम ने भी इच्छा जताई थी लेकिन किन्ही कारणों से सौदा नहीं हो पाया था. हाल ही में भारत में रूस के एक राजनयिक ने भी कहा था कि ब्रह्मोस को फिलीपींस को बेचने में रूस को कोई ऐतराज नहीं है.


भारत का अगर चीन के साथ एलएसी पर विवाद है तो फिलीपींस का साउथ चायना सी में चीन के साथ लंबा विवाद रहा है. ऐसे में अगर फिलीपींस भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदता है तो दोनों के बीच सामरिक-साझेदारी हो सकती है. फिलीपींस के साथ भारत जीटूजी यानि गर्वमेंट टू गर्वमेंट डील करना चाहता है. हाल ही में नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में भारत ने फिलीपींस और दूसरे मित्र-देशों के सैन्य-अधिकारियों के लिए अतिरिक्त सीटें भी रिजर्व की थीं. 


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