नई दिल्ली: इंसानियत आज भी जिंदा है, यह वाक्य आपने कई बार सुना होगा लेकिन इसकी सबसे बेहतरीन बानगी आज दिल्ली से सटे नोएडा में देखने को मिली. नोएडा के जेपी हॉस्पीटल में गीता देवी को भर्ती कराया गया,  एक मई को उनकी मृत्यु हो गई थी.


डॉक्टरों ने गीता देवी को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद उनके परिवार ने गीता देवी के अंगो दान करने का फैसला किया. आज उनके शरीर के छह अंगो को दान किया गया. इनमें दो किडनी, दो कॉर्निया, लीवर और हार्ट शामिल है.


उनके किडनी, और लीवर को तुरंत ही जेपी हॉस्पिटल में एक मरीज ट्रांसप्लांट कर दिया गया. कॉर्निया को नोएडा के ऑय बैंक और हार्ट को दिल्ली के मैक्स अस्पताल भेजा गया.


इसके लिए प्रशासन ने भी बेहद फुर्ती दिखायी. नोएडा के जेपी हॉस्पीटल से दिल्ली के मैक्स हॉस्पीटल तक ग्रीन कॉरीडोर बना कर बहज बीस मिनट में पहुंचा दिया. गीता देवी उत्तराखंड की रहने वाली थीं.


गीता देवी के छोटे भाई ने कहा, “हमें अपने इस कार्य पर बहुत गौरव महसूस हो रहा है. वास्तव में मेरी बहन ने जीवन भर दूसरों लोगों की मदद की है. इस कार्य द्वारा भी हमनें अंतिम समय में अपनी बहन की इच्छा को पूरा किया है और समाज को 6 लोगों के जीवन को बचाया है.”


जेपी हॉस्पीटल के सीईओ डॉ. मनोज लूथरा ने कहा, ''हम गीता देवी और उनके परिवार के शुक्र गुजार हैं जिनकी वजह से 6 लोगों को नई जिंदगी मिली. यह बहुत ही नेक काम है, हमें यह देखकर खुशी है कि लोग अंगदान के प्रति जागरुक हो रहे हैं.''