Canada Hindu Temple Vandalised: कनाडा के ब्रैम्पटन में सिख अलगाववादियों ने कथित रूप से एक हिंदू मंदिर को नुकसान पहुंचाया है. इस मामले पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है. कनाडा में भारतीय दूतावास ने ग्लोबल अफेयर्स, कनाडा को इस पूरे मामले से अवगत भी करवाया है. साथ की अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.


इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न से भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. मेलबर्न में विष्णु मंदिर को खालिस्तान समर्थकों ने नुकसान पहुंचाया और मंदिर में तोड़फोड़ की. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने मंदिर का दौरा किया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तथाकथित सिख अलगाववादियों का एक समूह ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका में सक्रिय रहा है और इसे सिख्स फॉर जस्टिस की मदद मिल रही है. 


भारतीय समुदाय पर हमले के मुद्दे को कई बार उठाया


मोदी सरकार ने अमेरिका सहित संबंधित सरकारों के साथ इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. हालांकि, ब्रिटिश और कनाडाई सरकारें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा, आगजनी और आतंक को सही ठहराती रही हैं.


वहीं, ऐसा भी माना जा रहा है कि मोदी सरकार को संकेट में डालने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को पीड़ित के रूप में दिखाया जा रहा है. यही कारण है कि सिख अलगाववादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उधर, हाल ही में 2002 के गुजरात दंगों पर भी बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद हुआ. 


ऑस्ट्रेलिया में जनमत संग्रह पर भारत ने जताई चिंता


मेलबर्न में तथा-कथित 'पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह' के दौरान खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच दो जगहों पर हुए झगड़ों में दो लोग घायल हो गए जबकि कई सिखों को हिरासत में लिया गया है. कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग ने 26 जनवरी को जारी बयान में बेहद कड़े शब्दों में कहा है, "पिछले कुछ समय से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और ऑस्ट्रेलिया से बाहर के अन्य संगठनों की शह और उकसावे पर ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक तत्व अपनी गतिविधियां तेज कर रहे हैं."


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