बिहटा: नोटबंदी के बाद बिहार की पीतलनगरी में हाहाकार मचा हुआ है. बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं.
बिहार के बिहटा के परेव गांव में पीतल के बर्तन बनाए जाते हैं. नोटबंदी से पहले यहां बड़ी संख्या में मजदूर काम करते थे, लेकिन अब संख्या काफी घट गई है.
रामेश्वर प्रसाद नाम के एक कारोबारी का कहना है, ‘’नोटबंदी से हम लोग करीब-करीब बेरोजगार ही हो गए हैं. नोटबंदी से पहले सही काम चल रहा था लेकिन उसके बाद से मजदूरों ने ही आना बंद कर दिया है. अब कोई ब्रिक्री नहीं हो रही.’’
पीतल की इस फैक्ट्री में काम करने वाले सभी मजदूर यूपी के मिर्जापुर के रहने वाले हैं. मजदूरों का कहना है कि पैसे की किल्लत की वजह से परिवार की हालत खराब हो गई है. पीतल के बर्तन के बाजार का भी बुरा हाल है. बिक्री काफी कम हो गई है.