Bravery Awards For children: अपनी बहादुरी और हौंसले से लोगों को हैरत में डाल देने बच्चों को भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) की ओर से सम्मानित किया गया है. ICCW ने 17 राज्यों के 56 बच्चों को उनकी वीरता और बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार से नवाजा.
एक वीरता पुरस्कार पंजाब की उस लड़की को मिला, जिसने जलती हुई गाड़ी से चार बच्चों को बचाया था. वहीं, एक हादसे में लोगों को डूबने से बचाने वाले दो युवकों को भी ICCW ने शुक्रवार को अपने आयोजन में सम्मानित किया. ICCW बाल अधिकारों के लिए काम करती है. उसकी ओर से बच्चों को कई तरह के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
कुल 56 बच्चों को मिला वीरता पुरस्कार
अपने बयान में ICCW ने कहा, '2020 से 2022 तक के विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया है. जिसमें 2021 की साल से 16 और 2022 की साल से 18 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया.' ऐसा आयोजन तीन साल बाद हुआ है.
ICCW के 6 अन्य विशेष पुरस्कारों में ICCW मार्कंडेय पुरस्कार, ICCW प्रहलाद पुरस्कार, ICCW एकलव्य पुरस्कार, ICCW अभिमन्यु पुरस्कार, ICCW श्रवण पुरस्कार, ICCW ध्रुव पुरस्कार शामिल हैं.
मार्कंडेय पुरस्कार, 18 वर्षीय मोहित चंद्र उप्रेती को प्रदान किया गया, जिन्होंने 2020 में एक तेंदुए को धूल चटाई थी और अपने दोस्त की जान बचाई थी.
लोगों को डूबने से बचाने वालों को पुरस्कार
एक वीरता पुरस्कार छत्तीसगढ़ के 16 वर्षीय अमन ज्योति जाहिरे को दिया गया, जिन्होंने 2021 में एक व्यक्ति को डूबने से बचाया. उसी प्रकार, एक पुरस्कार उत्तराखंड के 16 वर्षीय नितिन सिंह को मिला, जिन्होंने 2022 में एक तेंदुए से जूझकर अपनी उत्कृष्ट बहादुरी का प्रदर्शन किया, उन्हें मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
ICCW के प्रहलाद पुरस्कारों की बात करें तो, ऐसा पुरस्कार उत्तम तांती नाम के युवक को भी मिला, जिसने डूबने से दो लोगों की जान बचाई, उन्होंने 2020 के लिए यह पुरस्कार जीता, जबकि महाराष्ट्र के आयुष गणेश तपकिर ने भी डूबने से दो लोगों की जान बचाई, उन्हें भी इसी श्रेणी के तहत 2021 के लिए सम्मानित किया गया.
पंजाब में लड़की ने बचाई थी चार बच्चों की जान
जलती हुई गाड़ी में फंसे चार बच्चों को बचाने वाली अमनदीप कौर, डूबने वाले बच्चे को बचाने वाली केरल की एंजल मारिया जॉय और छत्तीसगढ़ के सीताराम यादव को एकलव्य पुरस्कार दिया गया, जिन्होंने अपने पराक्रम से जानें बचाईं.
अमनदीप कौर ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने फैसला लेने से पहले दो बार भी नहीं सोचा. उन्होंने कहा, "जब मैं बड़ी हो जाऊंगी, तो मैं एक पुलिस अधिकारी बनना चाहती हूं और लोगों की जान बचाना जारी रखूंगी,".
ICCW के बयान में कहा गया कि अभिमन्यु पुरस्कार 15 वर्षीय शनि को दिया गया जिसने एक व्यक्ति को एक उफनती नदी में डूबने से बचाया, उसी तरह 13 वर्षीय शनिस अब्दुल्ला को भी सम्मानित किया गया, जिसने अपनी बहनों को भैंस के हमले से बचाया था.
श्रवण पुरस्कार पंजाब की कुसुम को मोबाइल छीनने वालों से लड़ने के लिए, महाराष्ट्र के प्रतीक सुधाकर माने, जिन्होंने अपनी मां को बिजली के झटके से बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और ज्योत्सना कुमारी को दिया गया, जिन्होंने धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ एक भालू का मुकाबला किया था. कुसुम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह पुरस्कार दूसरों को प्रेरित करेगा.
भारत अवार्ड स्वर्गीय कैडेट अमित राज (मरणोपरांत) को दिया गया, जिन्होंने 2020 में दो बच्चों को जलने से बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.
कब से और क्यों दिए जा रहे ये पुरस्कार
ICCW द्वारा 'बहादुरी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार' उन बच्चों को उचित पहचान देने के लिए शुरू किया गया था, जो बहादुरी और सराहनीय सेवा के उत्कृष्ट कार्य करके खुद को अलग पहचान देते हैं और अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन जाते हैं.
भारत के पहले प्रधानमंत्री ने 1957 में दो बच्चों- एक लड़का और एक लड़की को इस तरह के पुरस्कार से पुरस्कृत किया था. इसके बाद से आईसीसीडब्ल्यू हर साल बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है.
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