Congress Plenary Session: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह नगर में शुक्रवार (24 फरवरी) को कांग्रेस का 85वां महाअधिवेशन आयोजित किया गया. जिसमें यह फैसला हुआ कि CWC का चुनाव नहीं होगा. जानकारी के मुताबिक संचालन समिति की बैठक में तीन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी चुनाव करवाने की मांग की. इसमें दिग्विजय सिंह, अजय माकन और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल रहे. सिंघवी ने कहा कि अभी कोई दिक्कत है तो 2024 लोक सभा चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी चुनाव कराए जाएं.


इसके साथ ही दिलचस्प बात यह है कि आनंद शर्मा ने भी बैठक में सीडब्ल्यूसी चुनाव नहीं करवाने की बात कही, जबकि तीन साल पहले उन्होंने 22 अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी में आंतरिक चुनाव करवाने की मांग को लेकर तब की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. संचालन समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. खरगे ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है. संसदीय संस्थाएं भी गंभीर संकट से जूझ रही हैं. राजनीतिक गतिविधियों पर भी पहरेदारी है. उन्होंने सीडब्ल्यूसी चुनाव को लेकर सभी नेताओं से बैठक में खुल कर अपनी राय जाहिर करने का आग्रह किया. 


भारत जोड़ो यात्रा के जोश को रखना है बरकरार
खरगे ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जोश को बरकरार रखना है. बैठक में उन्होंने कहा कि 1885 से अब तक कांग्रेस के 138 साल के इतिहास में 84 अधिवेशन हो चुके हैं, लेकिन ये अधिवेशन इस लिहाज से खास है कि आज से करीब 100 साल पहले 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे. यह महाधिवेशन मेरे गृह राज्य कर्नाटक में बेलगांव में हुआ था. हालांकि गांधी एक बार ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, लेकिन उन्होंने छोटी सी अवधि में कांग्रेस को गरीबों, कमजोर तबकों, गांव देहात और नौजवानों से जोड़ कर एक आंदोलन बना दिया था. खरगे ने कहा कि सौ साल बाद फिर से उसी संकल्प और भाव की जरूरत है. ये उनके प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी.


महाधिवेशन में कुछ फैसले हुए हैं अहम
बैठक में खरगे ने कहा कि कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं, जिससे हमारा संगठन आगे बढ़ा. इसके साथ ही कुछ अधिवेशन मील के पत्थर बने. वहां होने वाले फैसले आज भी इतिहास में याद किए जाते हैं, जैसे फैजपुर, बांकीपुर, हरिपुरा से लेकर तमाम जगहें लोगों को केवल इस नाते याद है, क्योंकि वहां कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था. हमारे सामने ये मौका है कि नया रायपुर को भी हम इतिहास में इस तरह दर्ज करा दें कि आने वाले समय में यह हमें रास्ता दिखाता रहे. उन्होंने कहा कि इस मौके पर मैं ये बात रखना भी जरूरी समझता हूं कि राहुल ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा से देश भर में जिस ऊर्जा भरी और महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दों पर जिस तरह जागरूकता फैलाई, उस जहर को हमें बनाए रखना है. 


खरगे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में कांग्रेस का यह महाधिवेशन आधा दर्जन राज्यों के विधानसभा चुनावों और उसके बाद 2024 के आम चुनावों की पृष्ठभूमि में हो रहा है. हमारे सामने ये एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा अवसर भी है. यहां से हमारा सार्थक संदेश करोड़ों साथियों तक एक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे तो वो कार्यकर्ता उसे गांव-गांव उसे पहुंचा कर जनता का विश्वास हासिल करने में कामयाब होंगे. हम जो फैसले लेंगे, वो कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमारी पार्टी के भविष्य का एक मजबूत आधार बनेंगे. उन्होंने कहा कि इस नाते आप सभी साथियों से मेरा अनुरोध है कि आप खुल कर और व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रख कर अपनी बातें रखें. वो बातें रखें जो जनता के मुद्दों से सीधे जुड़ी हों. हमें सामूहिक तौर पर यहां बहुत से फैसले लेने हैं, जिन पर हमारी पार्टी और हम सबका भविष्य जुड़ा हुआ है.


कार्यप्रणाली है हमारी सबसे बड़ी शक्ति
मल्लिकार्जुन ने कहा कि हमारा महाधिवेशन ऐसे दौर में हो रहा है, जब इस देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं. लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है. राजनीतिक गतिविधियों पर भी पहरेदारी हो रही है. इस नाते हमें बहुत सोच विचार कर तथ्यों के साथ अपने विचारों को आगे बढाना है, क्योंकि इस महाधिवेशन पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं. आप सभी मित्र ये जानते ही हैं कि हमारी कांग्रेस पार्टी के संविधान में यह प्रावधान है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद पार्टी की कार्यसमिति, स्टीयरिंग कमेटी के रूप में तब्दील हो जाती है. हमारी अगली बैठक होगी तब तक नयी कांग्रेस कार्यसमिति’ (CWC) के गठन की प्रक्रिया को हम पूरा कर सकेंगे. कई दशकों से कांग्रेस की ये परंपरा चली आ रही है, जिसका हम अच्छी तरह पालन कर रहें हैं. यही कार्यप्रणाली हमारी सबसे बड़ी शक्ति है.


खरगे ने कहा कि इस महाधिवेशन में 6 विषय पर विचार करने के लिए तय हुए हैं. ये विषय हैं राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्दे, किसान और खेत मजदूर, सामाजिक न्याय और युवाओं का उत्थान. उन्होंने कहा कि इस विषयों पर चर्चा करना बहुत अहम काम है जिसे हमें बहुत गंभीरता के साथ करना है, क्योंकि इसमें देश की बुनियादी समस्याओं को लेकर हमारी समझ और भविष्य के लिए हमारी दूरदर्शिता दोनों दिखेगी. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सभी की सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी से ये महाधिवेशन देश में बदलाव का प्रेरक होगा और कांग्रेस के इतिहास में याद रखा जाएगा.


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