Breaking News Highlights: दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र 1 दिन के लिए बढ़ाया गया, सोमवार को कॉन्फिडेंस मोशन लाएगी AAP सरकार
Breaking News Highlights 26 August Updates: झारखंड में राजनीतिक संकट से लेकर दिल्ली विधानसभा के सत्र तक... देश और दुनिया की ताजातरीन ख़बरों के लिए आप नीचे पढ़िये लाइव अपडेट्स-
दक्षिण दिल्ली के देवली रोड इलाके में गोलीबारी की घटना के दौरान एक की व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक घायल हो गया. दिल्ली पुलिस ने ये जानकारी दी.
पंजाब: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में मानसा पुलिस ने 34 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. अभी तक 4 लोग विदेश में हैं जबकि 8 लोगों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है. गवाही के लिए कुल 122 लोग हैं. मानसा एसएसपी गौरव तोरा ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, सतविंदर गोल्डी बराड़, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई, लिपिन नेहरा सहित एक दर्जन से अधिक लोग मामले में शामिल हैं.
भारतीय सेना ने कहा कि सेना में नेपाल से गोरखाओं की भर्ती के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं. इन पर ध्यान ना दें.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने हिसाब लगाया है कि 277 विधायक उनकी पार्टी (भाजपा) में आए हैं, अब अगर उन्होंने प्रत्येक विधायक को 20 करोड़ रुपये दिए होते तो उन्होंने 5,500 करोड़ रुपये के विधायक खरीदे. इसलिए महंगाई है क्योंकि वे विधायकों को खरीदने के लिए सारे पैसे का उपयोग कर रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र 1 दिन के लिए बढ़ाया गया है. सोमवार को आप सरकार कॉन्फिडेंस मोशन लाएगी. आज सदन में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कहा जा रहा है कि उन्होंने कई विधायकों को तोड़ दिया. मुझे फोन आए, लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या सब ठीक है. मैं लोगों को यह दिखाने के लिए सदन में एक विश्वास प्रस्ताव लाना चाहता हूं कि एक भी विधायक नहीं गया. भाजपा का ऑपरेशन लोटस यहां ऑपरेशन कीचड़ बन गया.
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, जो ईडी और सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के एक कथित मामले की जांच के लिए आर्थर जेल में बंद थे, उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद बेहोश हो गए. सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें जेजे अस्पताल ले जाया गया. जेल अधिकारी ने ये जानकारी दी.
जम्मू-कश्मीर: गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस के इस्तीफे के तुरंत बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब ने भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया.
बीजेपी नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि ये अंत की शुरुआत है. गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे का मतलब ये है कि कांग्रेस के अंदर ये आने वाला था. ये स्थिति पहले से साफ थी लेकिन पार्टी इसे अनदेखा कर रही थी. पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद और अब गुलाम नबी आजाद.
जम्मू-कश्मीर: जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन मे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, ''इसलिए बड़े खेद और बेहद भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.'' गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा पत्र में लिखा, ''2019 के चुनाव के बाद से पार्टी में हालात खराब हुए हैं. विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के लिए जीवन देने वाले सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान करने से पहले राहुल गांधी के हड़बड़ाहट में पद छोड़ने के बाद, आपने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. एक पद जिस पर आप आज भी पिछले तीन वर्षों से काबिज हैं. इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला रिमोट कंट्रोल मॉडल अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू हो गया था जबकि आप केवल एक मामूली व्यक्ति हैं, सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे थे या इससे भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पीएम फैसले ले रहे थे.''
काफी समय से खफा चल रहे गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा का पत्र भेज दिया है.
चुनाव में मुफ्त योजनाओं पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे तीन सदस्यीय बेंच को भेज दिया है. CJI ने कहा कि याचिका में पार्टियों की तरफ से चुनाव के दौरान मुफ्त की चीज़ों का वादा करने का सवाल उठाता है. इससे निष्पक्ष चुनाव पर असर और अर्थव्यवस्था पर बुरे असर की बात कहता है. यह भी कहा गया कि कई गैरज़रूरी चीजों का भी वादा किया जाता है जिसका मकसद वास्तविक जनकल्याण नहीं, बस पार्टी को लोकप्रिय बनाना होता है. उन्होंने कहा कि इस मसले पर विशेषज्ञ कमिटी का गठन सही होगा. लेकिन उससे पहले कई सवालों पर विचार ज़रूरी है. 2013 के सुब्रमण्यम बालाजी फैसले की समीक्षा भी ज़रूरी है. हम यह मामला 3 जजों की विशेष बेंच को सौंप रहे हैं. 2 हफ्ते बाद सुनवाई.
झारखंड में सियासी हलचल मची हुई है. वहीं आज सुबह 11 बजे जेएमएम कांग्रेस और आरजेडी के विधायकों की बैठक बुलाई गई है. ये बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर पर होगी.
चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को उस याचिका पर अपनी राय भेजी है, जिसमें यह दावा किया गया है कि सीएम हेमंत सोरेन ने खनन पट्टे का विस्तार अपने लिए करके चुनावी कानून का उल्लंघन किया है. इस याचिका में सीएम सोरेन को विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. इधर, राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस ने अपने विधायकों को रांची में बने रहने के निर्देश दिए हैं. झारखंड कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा- हमें ये निर्देश दिए गए हैं कि मौजूदा डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए रांची में ही मौजूद रहें. सीएम आवास पर बैठक के लिए महागठबंधन के विधायकों को बुलाया गया है.
बैकग्राउंड
Breaking News LIVE: झारखंड में राजनीतिक हलचल एक बार फिर से तेज हो गई है. निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को उस याचिका पर अपनी राय भेज दी है, जिसमें दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक खनन पट्टे का विस्तार अपने लिए करके चुनावी कानून का उल्लंघन किया है. इस याचिका में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की गई है.
समाजार एजेंसी पीटीआई ने बताया सूत्रों के हवाले से गुरुवार को बताया कि आयोग ने अपनी राय आज सुबह सीलबंद लिफाफे में झारखंड के राजभवन को भेज दी. झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को आयोग को भेजा था. मामले में याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है जिसने जन प्रतिनिधि कानून की धारा नौ ए का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को अयोग्य ठहराने की मांग की है.
संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन के किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित कोई मामला आता है तो इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनका फैसला अंतिम होगा. उसमें कहा गया है, “ऐसे किसी भी मामले पर कोई निर्णय देने से पहले राज्यपाल निर्वचन आयोग की राय लेंगे और उस राय के अनुसार कार्य करेंगे.” ऐसे मामलों में चुनाव आयोग की भूमिका अर्द्धन्यायिक निकाय की तरह होती है.
इधर, दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (Liquor Policy Case) और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के लिए लुभाए जाने के आरोपों के बीच इस विशेष सत्र के हंगामेदार होने के आसार लग रहे हैं. फिलहाल दिल्ली विधानसभा की ओर से जारी किए दस्तावेज में यह जानकारी दी गई है कि सुबह 11 बजे विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा. वहीं सीएम केजरीवाल दोपहर 2 बजे विधानसभा सत्र को संबोधित करेंगे.
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति को लेकर बीते दिनों केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की गई. इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर तीखा पलटवार किया. आप ने बीजेपी पर उनके विधायकों को लुभाने और सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
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