नई दिल्ली: सीबीआई बनाम सीबीआई के मामले में आज राऊज एवेन्यू कोर्ट के सामने सीबीआई की अंदरूनी लड़ाई इस कदर खुल कर सामने आई कि कोर्ट को भी उसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. आज भी कोर्ट ने इस मामले में आरोपपत्र पर संज्ञान नहीं लिया और मामले की सुनवाई सात मार्च को जारी रहेगी.


सीबीआई की राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई जज संजीव अग्रवाल की कोर्ट में आज सीबीआई द्वारा सीबीआई घूसकांड में दायर किए गए आरोपपत्र पर संज्ञान लेने की सुनवाई थी. कोर्ट ने इस बाबत इस मामले के पहले जांच अधिकारी एके बस्सी को भी कोर्ट में बुलाया था. कोर्ट जानना चाहता था कि अपनी केस डायरी मे जो बातें बस्सी ने रिकार्ड की थी उनका बेस क्या था और उन्होंने क्या-क्या कार्रवाई की थी.


बस्सी ने कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान तत्कालीन सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भी सबूत थे, लेकिन उन्हें मामले की जांच से हटा दिया गया. इस पर सीबीआई के वर्तमान जांच अधिकारी सतीश डागर ने कहा कि इनकी जांच पक्षपात पूर्ण थी लिहाजा इन्हें हटाया गया था. इसपर बस्सी भड़क गए और कहा, "मैंने इन्हें बताया था कि अस्थाना के खिलाफ सबूत हैं साथ ही हमने इस मामले के आरोपी सतीश सना के यहां जब छापेमारी की थी तब भी हमे ऐसे कई सबूत मिले थे जो बताते थे कि राकेश अस्थाना और उनका ग्रुप तत्कालीन निदेशक के खिलाफ साजिश रच रहा है. इसी लिए हमनें देवेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया था."


इस पर जांच अधिकारी सतीश डागर ने कहा, "हमने इन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया और सम्मन भी दिया, लेकिन ये नहीं आया और ना ही आज तक ऐसा कुछ बताया है." इस पर बस्सी ने कहा, "ये जांच टीम पहले ही दिन से राकेश अस्थाना को क्लीन चिट देना चाहती थी. मैं 15 महीने से घर पर खाली बैठा हूं और मुझे तनख्वाह भी नहीं मिल रही है." दोनों अधिकारियों के बीच वॉर बढ़ते देख कोर्ट ने उसमें हस्तक्षेप किया और कहा कि कोर्ट के सामने ऐसी बातें ना की जाएं. कोर्ट ने कहा कि वो अभी इस आरोपपत्र पर संज्ञान नही ले रहा है और इस मामले की सुनवाई सात मार्च को भी जारी रहेगी.


बता दें कि सीबीआई घूस कांड केस में सीबीआई ने अपना पहला आरोपपत्र कोर्ट के सामने दिया है. जिसमें तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को क्लीन चिट दी गई है. कोर्ट इस मामले में आरोपपत्र के संज्ञान पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में राकेश अस्थाना पर घूस लेने का आरोप लगा था और सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया था.


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