नई दिल्ली: सीबीआई 75 किलो रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार ईडी के उप निदेशक पूरन कामा सिंह और सहायक निदेशक भुवनेश कुमार की आवाज के सैंपलों का मिलान कराएगी. रिश्वत मामले के टेप सुनवा कर इन दोनों से पूछताछ की जा रही है. दोनों अधिकारी 7 जुलाई तक सीबीआई की रिमांड पर हैं. 104 करोड रुपए के बैंक घोटाले के मामले में 75 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में इन दोनों अधिकारियों के अलावा उनके दो सहयोगियों को दिल्ली से भी गिरफ्तार किया गया था. इनमें दिल्ली विकास प्राधिकरण में अतिरिक्त अभियंता रमाकांत तिवारी तथा उसका सहयोगी विजय शामिल है. इनमें उपनिदेशक पूरन कामा सिंह 2013 बैच के आईआरएस कस्टम के अधिकारी हैं जो फरवरी 2021 में ई डी में प्रतिनियुक्ति पर आए थे और उनके तैनाती अहमदाबाद की गई थी. अनेक अहम केस की जांच कर रहे ये जांच अधिकारी अब खुद ही सीबीआई के जांच दायरे में है और रिमांड के दौरान सीबीआई जानना चाहती है कि रिश्वत का नेटवर्क अहमदाबाद से लेकर कहां तक फैला हुआ है.
कोडवर्ड का इस्तेमाल
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक रिमांड के दौरान इन लोगों को वह तमाम रिश्वत के टेप सुनवाए जा रहे हैं जिस में इन लोगों ने रिश्वत की डिमांड की हुई है. सीबीआई के मुताबिक लोगों ने रिश्वत लेने के लिए बकायदा कोड वर्ड भी बनाए थे. इसमें शिकायतकर्ता पटेल को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए थे कि वह कहीं भी लाखों की या रूपयों की बात नहीं कहेगा और उसे जब भी पैसे देने की बात करनी होगी तो कहेगा कि उसके पास 20 किलो माल तैयार है. जिसका मतलब होगा कि वह है 20 लाख रुपए दे रहा है.
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया की इस बाबत इन लोगों की टेप की गई आवाजों से कहीं यह लोग बाद में मुकर ना जाएं लिहाजा इन दोनों की आवाजों का सैंपल भी लिया जा रहा है जो जांच के लिए सीएफएसएल को भेजा जाएगा.
सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक क्योंकि ये दोनों अधिकारी एक महत्वपूर्ण जांच विभाग से जुड़े हुए हैं लिहाजा सीबीआई इस पूरे मामले में पूरी तरह से वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मामले को आगे बढ़ाएगी. जिससे कल को सीबीआई पर किसी तरह का कोई आरोप ना लग सके. अधिकारी के मुताबिक इस मामले में इन अधिकारियों की लिखावट के नमूने भी लेगी. सीबीआई को शक है कि इस मामले के तार ईडी में दूर तक फैले हो सकते हैं क्योंकि सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर गुजरात में ली जाने वाले रिश्वत की रकम दिल्ली क्यों भेजी जा रही थी. मामले की जांच जारी है.