ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को बैठक के दौरान अध्यक्षता कर रहे भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इसकी अध्यक्षता की है. उन्होंने कहा- “2006 में न्यूयॉर्क में पहली बार हुई विदेश मंत्रियों की बैठक से हम काफी आगे निकल आए हैं. हमारे समूह का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से लगातार बने हुए हैं.”
जयशंकर ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित निष्पक्ष, न्यायसंगत, समावेशी और प्रतिनिधि बहुध्रुवीय अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए प्रयास करते हैं, जो सभी राज्यों की संप्रभु समानता को मान्यता देता है और उनकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.
ब्रिक्स की बैठक में भाग लेने वाले सभी विदेश मंत्रियों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने बैठक समाप्त होने के बाद सामूहिक 'नमस्ते' किया. इस मौके पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बैठक में कहा- कोविड-19 की दूसरी लहर के गंभीर असर के चलते भारत के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं. इस मुश्किल घड़ी में चीन एकजुटता के साथ भारत और सभी ब्रिक्स देशों के साथ खड़ा है.
वांग यी ने आगे कहा कि जहां तक भारत की जरूरतों की बात है तो चीन समेत सभी ब्रिक्स साझेदार देश कभी भी सहायता और मदद मुहैया कराएगा और हमें यह पूरा भरोसा है कि भारत जरूर इस महामारी से उबरेगा.
इससे पहले, ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले चीन ने मंगलवार को कहा कि वह साझा चिंता के मुद्दों पर इस पांच सदस्यीय समूह के अन्य देशों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने, एक दूसरे के रुख में तालमेल करने तथा आम-सहमति बनाने को लेकर आशान्वित है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने विदेश मंत्री वांग यी की ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के विदेश मंत्रियों की डिजिटल बैठक में भाग लेने की घोषणा करते हुए यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह सम्मेलन कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने की दिशा में खास महत्व रखता है.
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