ब्राजील: 11वें BRICS शिखर सम्मेलन में शिरकत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील पहुंच चुके हैं. इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की मुलाकात ब्राज़ील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं से होगी. इस मुलाकात का विषय मौजूदा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सम्प्रभुता होगा. इसके बाद होने वाली ब्रिक्स की प्लेनरी मीटिंग में पांचों नेता आपसी कारोबार बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करेंगे. सवाल है कि आखिर भारत के लिए इस सम्मेलन के क्या मायने हैं और क्यों ये खास है.


आइए जानते हैं BRICS के बारे में सबकुछ


कैसे बना है ब्रिक्स?


ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पहले अक्षर को मिलाकर एक नया शब्द और संक्षिप्त नाम BRICS गढ़ा गया है. विकासशील देशों का ये समूह दुनिया की तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है. वर्तमान में बिक्स देशों के पास दुनिया का 30 प्रतिशत भूभाग है. जहां 43 प्रतिशत आबादी रहती है. आर्थिक मामलों के जानकार बताते हैं कि विश्व का 18 प्रतिशत GDP और कुल व्यापार का 15 प्रतिशत इन्हीं देशों में होता है. इन देशों के बाजार की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2001 से 2011 के बीच इनके बीच व्यापार की गति 28 प्रतिशत की रही है. आपस में इस समूह का व्यापारिक क्षमता 230 अरब डॉलर है.


BRICS की कल्पना करनेवाले को जानिए


2001 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ नील ने अर्थ जगत को नई सोच दी. उन्होंने भारत, ब्राजील, चीन और रूस की अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया. दुनिया के विकसित देशों की अर्थव्यवस्था से इन देशों की तुलना की. अपने शोध में उन्होंने साबित किया कि अगले 50 सालों में ये विकासशील देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षतमा रखते हैं. क्योंकि इन देशों की भौगोलिक परिस्थितियों में कई समानताएं हैं. उस वक्त उन्होंने बताया कि भले ही अभी ये समूह समान रूप से विकास की प्रक्रिया में हैं. लेकिन वो दिन दूर नहीं जब ये देश विकसित देशों को मात दे सकते हैं.


क्यों है BRICS शिखर सम्मेलन खास


BRICS विकासशील देशों के लिए आपस में व्यापार को बढ़ावा देने और दुनिया की चिंताओं पर मंथन करने का एक अहम मंच बन गया है. इस समूह को विकसित देशों से कई मुद्दों पर चुनौतियों का सामना है.


भारत ने हमेशा बहुपक्षीय व्ववस्था को मजबूत करने की वकालत की है. भारत को उम्मीद है कि जलवायु परिवर्तन, WTO, आतंकवाद जैसी अहम चुनौतियों से निपटने के लिए BRICS अहम मंच साबित हो सकता है. इस बार के शिखर सम्मेलन के कई प्रमुख एजेंडे हैं. सबसे अहम चुनौती आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए इसके उपाय पर मंथन करना है. भारत ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप गठन का फैसला किया है. साथ ही समूह देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस काउंसिल बनाने की बात कही गई है. खुले अधिवेशन में BRICS देशों के सामने अवसर और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी. शिखर समापन के बाद ब्रिक्स देशों की तरफ से संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. 2021 में भारत BRICS देशों की मेजबानी करेगा.