PM Modi- Xi Jinping Bilateral Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार (23 अक्टूबर) को रूस में BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की, जो पिछले पांच सालों में हुई है. ये बैठक करीब 50 मिनट तक चली है. यह बैठक उस वक्त हुई है जब भारत और चीन ने देपसांग मैदानी क्षेत्र और डेमचोक क्षेत्र में एक-दूसरे को गश्त करने के अधिकार बहाल करने पर सहमति जताई है. यह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के संघर्ष को सुलझाने की कोशिशों को दिखाता है.


द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए हमारी बैठक अहम है. सीमा पर सहमति का स्वागत है. मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी."






क्या बोले शी जिनपिंग?


भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "कजान में आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई. पांच साल में पहली बार औपचारिक मुलाकात हुई है. हमारे दोनों देशों के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं. चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं, प्रमुख विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. हम दोनों अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण चरण में हैं. यह हमारे दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों की सबसे अच्छी सेवा करता है.


पीएम मोदी का ट्वीट


बैठक खत्म होने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, "कज़ान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. भारत-चीन संबंध हमारे देशों के लोगों और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं. आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेगी."






2019 में आखिरी बैठक 


दोनों विकाशील देशों के शीर्ष नेताओं ने आखिरी बार अक्टूबर 2019 में महाबलिपुरम में एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में मुलाकात की थी, जो पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ के कुछ महीने पहले हुई थी और जिसने LAC के एक सैन्य गतिरोध को जन्म दिया. हालांकि, उन्होंने बाली (2022) और जोहान्सबर्ग (2023) में कुछ संक्षिप्त बैठकें कीं, लेकिन बुधवार (23 अक्टूबर 2024) की बैठक पहली उचित द्विपक्षीय बैठक है.


जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बैठक चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है.


पीएम मोदी और शी जिनपिंग की कब-कब हुई मुलाकातें?


प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पहली बातचीत ब्राजील के फोर्टालेजा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी. इस बैठक को कुटनीतिक हलकों में काफी अहम माना जाता है, क्योंकि इस बैठक के बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का एक मंच तैयार हो सका था. तब दोनों देशों ने एक दूसरे के लिए सहयोग बढ़ाने की बात कही थी.


इसके कुछ महीनों के बाद ही शी चिनपिंग की भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे. ये तारीख 17 सितंबर, 2014 थी. इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, असैन्य परमाणु ऊर्जा और संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की मांग की थी. हालांकि, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच अनसुलझे सीमा मुद्दे बेनतीजा रहे. 


पीएम मोदी के चीन की राजकीय यात्रा (14 मई 2015)



  • पीएम मोदी ने तीन दिवसीय राजकीय यात्रा की थी.

  • शी जिनपिंग ने अपने होम टाउन शियान में मेहमाननवाज़ी की थी.

  • सीमा मुद्दों, सैन्य संबंधों और व्यापार पर विस्तृत चर्चा हुई थी.


BRICS और SCO शिखर सम्मेलन (8 जुलाई 2015)



  • रूस में सम्मेलन के दौरान मोदी ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर चिंता जाहिर की थी.

  • आतंकवाद पर चीन के रुख को भी उठाया था.

  • इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी.


G20 शिखर सम्मेलन (4 सितंबर 2016)



  • हैंग्ज़ौ, चीन में मोदी और जिनपिंग की मुलाकात हुई थी.

  • UNSC में भारत की सदस्यता के खिलाफ चीन का विरोध चर्चा में रहा था.


Astana SCO शिखर सम्मेलन (9 जून 2017)



  • डोकलाम गतिरोध के बीच भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय बैठक की थी.

  • पीएम मोदी ने संचार चैनलों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया था.


G20 शिखर सम्मेलन (7 जुलाई 2017)



  • हैंबर्ग, जर्मनी में अनौपचारिक बातचीत हुई थी.

  • डोकलाम गतिरोध पर बातचीत की गई थी.


BRICS शिखर सम्मेलन (5 सितंबर 2017)



  • Xiamen में पहली औपचारिक मुलाकात हुई थी.

  • सीमा पर शांति बनाए रखने का महत्व बताया गया.


वुहान अनौपचारिक शिखर सम्मेलन (26 अप्रैल 2018)



  • रणनीतिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई थी.

  • सीमा स्थितियों को कूटनीतिक चैनलों से संभालने की दिशा में कदम बढ़ाया गया था.


Qingdao SCO शिखर सम्मेलन (9 जून 2018)



  • वुहान की कूटनीति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.


मामल्लापुरम शिखर सम्मेलन (11 अक्टूबर 2019)



  • तमिलनाडु में अनौपचारिक बैठक हुई थी.



G20 शिखर सम्मेलन (15 नवंबर 2022)



  • बाली, इंडोनेशिया में कोविड-19 के बाद पहली इन-पर्सन बातचीत हुई थी.

  • गालवान घाटी संघर्ष पर बातचीत हुई थी.


BRICS शिखर सम्मेलन (22 अगस्त 2023):



  • जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में संक्षिप्त बातचीत हुई थी.


ये भी पढ़ें:


भारत के खिलाफ आग उगलने वाले को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी