भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में चीनी सीमा से लगते गांव में पुल बहा, BRO ने अस्थाई रास्ता किया तैयार
Uttarakhand News: उत्तराखंड में बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हुआ है. इस दौरान नदियों के तेज बहाव में कई पुल भी बह गए हैं.
Uttarakhand Rains: देश के कई राज्य इस वक्त भारी बारिश की चपेट में हैं. खासकर कि उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश (Rain) के कारण आफत टूट पड़ी है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड (Uttarakhand) में सैलाब आया हुआ है. जिसमें अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कई घर तबाह हो गए हैं, वाहन और पुल उफनती नदियों के तेज बहाव में बह चुके हैं.
इस दौरान उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी राजमार्ग पर स्थित जुम्मा मोटर पुल भी बह गया था. जिसके बाद अब सीमा सड़क संगठन ने उसके स्थान पर एक अस्थाई पुल बनाया है ताकि लोगों को आवाजाही में हो रही परेशानी से निजात मिल सके. मलारी भारत-चीन सीमा के पास एक छोटा सा गांव है. जहां ये पुल स्थित है.
बाढ़ में बह गया था पुल
जुम्मा मोटर पुल 10 जुलाई की रात आई बाढ़ में बह गया था जिसके कारण सामरिक रूप से अति महत्वपूर्ण इस सड़क पर पिछले चार दिनों से आवागमन बाधित था. एक सरकारी बयान के अनुसार, जुम्मा में हयूम पाइप के जरिए से वाहनों के आवागमन के लिए अस्थायी पुल का निर्माण कर दिया गया है और शनिवार (15 जुलाई) को उस पर यातायात सुचारू हो गया था.
जोशीमठ-मलारी राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू
चमोली के डीएम हिमाशु खुराना ने रविवार को बताया कि 10 जुलाई को मलारी हाईवे के पास देवगढ़ नाले में उफान के कारण जोशीमठ सहित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला पुल बह गया था. हालांकि, अब जोशीमठ-मलारी राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही अस्थायी रूप से फिर से शुरू कर दी गई है.
यमुनोत्री राजमार्ग भी हुआ बाधित
उन्होंने कहा कि शनिवार को सीमा सड़क संगठन की ओर से हयूम पाइप बिछाने के बाद पुल को यातायात के लिए खोल दिया गया. इसके अलावा यमुनोत्री राजमार्ग संख्या 123 शनिवार को उत्तराखंड में गढ़वाल जिले की पौडी तहसील में चामी गांव के पास मलबा गिरने के कारण अवरुद्ध हो गया. इस दौरान दर्जनों वाहन सड़क के दोनों ओर फंसे रह गए. मानसूनी बारिश के कारण उत्तराखंड में कई सड़कें टूट चुकी हैं और भूस्खलन के कारण बड़ी संख्या में लोग जगह-जगह फंस गए हैं.
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