मुंबई: हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं कि मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और शिवसेना की दोस्ती टूट जाएगी. सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में फंसे पेंच के बीच बीजेपी की ओर इशारा करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कपटी और धुर्त दोस्तों से लड़ने के लिए तैयार रहो. उन्होंने कहा, "अब तक हम कांग्रेस, एनसीपी, पार्टी छोडकर गए गद्दारों से लड़े, यहां तक की हम अपने खून के रिश्तेवाले रिश्तेदारों से भी लड़े लेकिन इस बार वक्त आने पर कपटी और धूर्त दोस्तों से भी लड़ना पड सकता हैं इसलिये ऐसे लोगों से सावधान रहो."

उद्धव ठाकरे का ये बयान शिवसेना और बीजेपी के रिश्ते की पूरी कहानी बता रहा है. उद्धव ठाकरे ने बीजेपी का नाम लिए बिना कपटी और धूर्त दोस्त से लड़ने की ये बातें शिवसेना नेताओं के सामने कही हैं. शिवसेना और बीजेपी के बीच इस लड़ाई की वजह महानगरपालिका चुनाव है जिसमें सीटों को लेकर बात नहीं बन रही क्योंकि अब बीजेपी छोटा भाई बनकर नहीं रहना चाहती. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी सौ से ज्यादा सीटें चाहती है जबकि शिवसेना 90 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है.

बीजेपी 2012 के फॉर्मूले पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती. 2012 में बीजेपी ने 63 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें पार्टी को 32 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं शिवसेना ने 164 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीस साल से मुंबई महानगरपालिका पर शिवसेना-बीजेपी का कब्जा रहा है. मेयर का पद पिछले बीस सालों से शिवसेना के पास ही है लेकिन अब दूरी इतनी बढ़ गई है कि चुनाव नतीजे से पहले मेयर पद पर दावा होने लगा है.

शिवसेना और बीजेपी में इस खींचतान के बीच आज गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों की बैठक होनी है लेकिन जिस तरह की बयानबाजी चल रही है उससे बात बनने की उम्मीद कम दिख रही है. वैसे सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दोनों पार्टियों के नेताओं को लगता है कि अगर अलग-अलग चुनाव लड़ें तो नतीजे अच्छे आएंगे और चुनाव बाद जरूरत पड़ी तो गठबंधन हो सकता है. महानगरपालिका चुनाव के लिए 21 फरवरी को वोटिंग होगी और नतीजे 23 फरवरी को आएंगे.