यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण सिंह ने कोर्ट से कहा, 'आप सुनवाई ही नहीं कर सकते, क्योंकि...'
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की दलील पर अभियोजन पक्ष ने भी दलीलें दी. अब कोर्ट 22 नवंबर को सुनवाई होगी.
Brij Bhushan Singh Case: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट में बड़ा दावा किया है. उन्होंने सुनवाई को लेकर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए. उन्होंने सोमवार (30 अक्टूबर) को दावा किया कि कथित कृत्य देश में हुआ ही नहीं है.
बृजभूषण सिंह के वकील ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में कहा, ‘‘कोई ऐसा कृत्य या परिणाम नहीं है जो भारत में घटित हुआ हो. अभियोजन की कार्यवाही के मुताबिक, कथित अपराध टोक्यो, मंगोलिया,बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्किए आदि देशों में हुआ, इसलिए इसकी सुनवाई यह अदालत नहीं कर सकती.''
उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से लोकसभा सांसद बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा, ''कथित तौर पर भारत से बाहर हुए अपराध पर सुनवाई करना इस अदालत के न्यायिक अधिकार क्षेत्र के तहत नहीं आता.''
छह महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले में दिल्ली की अदालत सुनवाई कर रही है.
अभियोजन पक्ष ने क्या कहा?
हालांकि, अभियोजन पक्ष ने अपनी दलील में कहा, ‘‘पीड़ितों के यौन उत्पीड़न का कृत्य एक सतत अपराध था क्योंकि यह किसी विशेष समय पर नहीं रुका.’’ लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आरोपी को जब भी मौका मिला उसने पीड़ितों से छेड़छाड़ की और इस तरह के उत्पीड़न को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता, इसलिए अपराध की पूरी श्रृंखला को एक मानकर देखने की जरूरत है.’’
अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 22 नवंबर को करेगी. यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने 15 जून को बृजभूषण सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. WFI के निलंबित असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है.