नई दिल्ली: बीसीसीआई को सूचना के अधिकार कानून यानी आरटीआई के तहत लाया जाए. ये सिफारिश लॉ कमीशन ने केंद्र सरकार से की है. केंद्रीय कानून मंत्रालय को सौंपी अपनी 275वीं रिपोर्ट में लॉ कमीशन ने कहा है कि बीसीसीआई एक निजी संस्था होने का दावा करके लोगों के सवाल से नहीं बच सकता.


2016 में सुप्रीम कोर्ट ने लॉ कमीशन को इस मसले पर विचार कर के रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. अब कमीशन ने माना है कि कई मायनों में क्रिकेट बोर्ड सरकार जैसी भूमिका निभाता है. दूसरे खेल संघ आरटीआई के दायरे में आते हैं. बीसीसीआई को भी इससे बाहर नहीं रखा जा सकता.


कमीशन ने क्रिकेट बोर्ड को सरकार की तरफ से मिलने वाली सस्ती ज़मीन और दूसरी सुविधाओं का भी हवाला दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई को जनता के प्रति जवाबदेह बनाना जरूरी है. रिपोर्ट में क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत 'स्टेट' यानी सरकार का अंग घोषित करने की सिफारिश की गई है.


अगर सरकार इस रिपोर्ट को मान लेती है और इसके आधार पर कानून बनाती है, तो लोग बीसीसीआई से आरटीआई के तहत सवाल पूछ सकेंगे. साथ ही बीसीसीआई के फैसलों को जनहित याचिका के ज़रिए कोर्ट में चुनौती भी दी जा सकेगी.