बीजिंग: संकरी जगहों पर लोगों के पीछे तेजी से चलने पर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार का खतरा बढ़ जाता है. एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई. अध्ययन के अनुसार जब संक्रमित व्यक्ति ऐसे स्थानों पर चलता है तो उसके द्वारा पीछे छोड़ी गई श्वास की बूंदों में मौजूद वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.


‘फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स’ नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कंप्यूटर ‘सिमुलेशन’ के नतीजे दिए गए हैं जिसमें यह बताया गया है कि किसी स्थान का आकार किस प्रकार हवा में मौजूद संक्रमण को फैलने में मदद कर सकता है.


श्वास से निकली बूंदें शरीर के पीछे रेखाएं बनाती हैं- अध्ययन


इससे पहले किए गए अनुसंधान में शीशे, खिड़कियां और वातानुकूलन (एसी) से हवा के बहाव पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया था लेकिन अब बीजिंग स्थित चीनी विज्ञान अकादमी के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके द्वारा किए गए सिमुलेशन में बड़ी और खुली जगहों पर शोध किया गया. अध्ययन के अनुसार यदि संकरी जगह में चल रहा कोई व्यक्ति खांसता है तो उसके श्वास से निकली बूंदें उसके शरीर के पीछे वैसी ही रेखाएं बनाती हैं जैसे पानी में नाव चलने पर बनती हैं.


विशेषकर बच्चों को संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है- अध्ययन


अध्ययन के अनुसार मुंह से निकली बूंदें घनी होकर हवा में बादल जैसा स्वरूप बना लेती हैं और व्यक्ति के शरीर से काफी दूर तक जाती हैं. अनुसंधानकर्ता शिआओली यांग ने कहा कि इससे संकरे मार्गों पर पीछे और आगे चल रहे लोगों विशेषकर बच्चों को संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है.


यह भी पढ़ीं-


रिसर्च से खुलासा- 2022 तक दुनिया की एक चौथाई आबादी को नहीं मिल पाएगा कोरोना का टीका


सर्वे की जुबानी: जब लोगों से पूछा कि क्या वह कोरोना वैक्सीन का डोज लेंगे? जानिए क्या जवाब मिला