Covid-19 Vaccine: ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन से लोगों में दिखा रिएक्शन, एलर्जी पर चेतावनी जारी
ब्रिटेन में लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन दी जा रही है. वहीं कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद लोगों के शरीर में कुछ अलग प्रभाव भी देखने को मिले हैं.
लंदन: कोरोना वायरस (कोविड-19) को मात देने के लिए कई देशों में लोगों के इस्तेमाल के लिए कोरोना वैक्सीन की मंजूरी दी जा चुकी है. वहीं ब्रिटेन ऐसा पहला देश है, जहां फाइजर की कोरोना वैक्सीन को लोगों को उपलब्ध करवाने के लिए मंजूरी दी गई. ब्रिटेन में लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लेकिन अब लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद रिएक्शन भी देखने को मिल रहे हैं. इसके बाद अब ब्रिटेन ने प्रतिकूल प्रतिक्रिया के बाद फाइजर वैक्सीन पर एलर्जी को लेकर चेतावनी जारी की है.
ब्रिटेन में लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन दी जा रही है. वहीं कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद लोगों के शरीर में कुछ अलग प्रभाव भी देखने को मिले हैं. इस बीच ब्रिटेन के दवा नियामक ने कहा कि किसी को अगर दवा या खाने से जुड़ी एनाफिलेक्सिस की समस्या रही है तो उन्हें फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन नहीं दी जाएगी. दरअसल, ब्रिटेन में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इस बीच हाल ही में बुजुर्गों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों के साथ ब्रिटेन में कोरोना वायरस का टीकाकरण शुरू कर दिया गया है.
इन्हें नहीं दी जाएगी वैक्सीन
ब्रिटेन के मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने कहा है कि टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू करने के बाद से एनाफिलेक्सिस की दो और संभावित एलर्जी की एक रिपोर्ट मिली है. MHRA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जून राईन ने एक बयान में कहा, 'दवा या भोजन के एनाफिलेक्सिस वाले किसी भी व्यक्ति को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन नहीं मिलनी चाहिए.'
क्या है एनाफिलेक्सिस?
उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों को एनाफिलेक्सिस नहीं मिलेगा और लोगों को कोविड-19 के जोखिमों से बचाने में लाभ मिलेगा. आप पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि इस टीके ने एमएचआरए के सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता के मजबूत मानकों को पूरा किया है. बता दें कि एनाफिलेक्सिस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का एक ओवररिएक्शन है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा गंभीर और कभी-कभी जीवन के लिए खतरनाक बताती है.
एनाफिलेक्सिस से जोखिम
वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर फुलर गाइडेंस ने यह स्पष्ट किया है कि मुख्य जोखिम एनाफिलेक्सिस से था. यह फुलर गाइडेंस में विशेष रूप से एलर्जी पर विशेषज्ञों से परामर्श किए जाने के बाद जारी किया गया था. वहीं एमएचआरए ने शुरू में महत्वपूर्ण एलर्जी प्रतिक्रिया का इतिहास रखने वाले किसी भी शख्स को वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी थी. दूसरी तरफ फाइजर और बायोएनटेक का कहना है कि वो एमएचआरए का समर्थन करते हैं.
यह भी पढ़ें: क्या Pfizer की कोरोना वैक्सीन के टीके से हो रही है एलर्जी? मामले आने पर जानिए ब्रिटेन ने क्या कहा Covid Vaccine: जानिए- फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के क्या-क्या हैं साइड-इफेक्ट्स