Rishi Sunak: ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. सुनक पहले ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री हैं. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के साथ मिलकर रोडमैप 2030 के तहत काम करने की इच्छा जताई है. सुनक के भारतवंशी के नाते उन्हें देशभर से बधाईयां दी जा रही हैं. वहीं भारत में उनके पीएम बनने पर राजनीति गर्म हो गई है.


देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ऋषि सुनक को लेकर बयान दिया है. चिदंबरम ने ट्वीट करके अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक को लेकर भारत में अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक की बहस छेड़ दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक. अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देश के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना.'


भारत में पार्टियों को सीखने की जरूरत
पी चिदंबरम ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद को मानने वाली पार्टियों को इससे सीखने की जरूरत है.' दरअसल, कमला हैरिस और ऋषि सुनक दोनों ही भारतवंशी हैं और वे इसाई बाहुल्य देशों में सबसे उच्च पदों पर हैं. यानी कि उन्हें ब्रिटेन और अमेरिका के लोगों ने चुना है, इसके साथ ही हैरिस और सुनक दोनों ही वहां अल्पसंख्यक हैं, बवजूद इसके कमला हैरिस अमेरिका की उप राष्ट्रपति हैं तो सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. 






आधे से ज्यादा सांसदों का समर्थन
पी चिदंबरम ने इसी को लेकर कहा है कि भारत को ब्रिटेन और अमेरिका से सिखने की जरूरत है. बता दें कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनकर नया इतिहास रचने जा रहे हैं. दीवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के साथ ही ऋषि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया. 42 साल के पूर्व वित्त मंत्री सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन मिला जबकि उन्हें जीत के लिए कम से कम 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी. 


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