भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर 21अप्रैल को ब्रिटेन के PM बोरिस जॉन्सन भारत का दौरा करेंगे. PM के रूप में बोरिस जॉनसन का यह पहला भारत दौरा है. इस दौरे की वह शुरुआत गुजरात से करेंगे. जहां जॉन्सन निवेश और व्यापारिक संबंधों पर कई उद्योगपतियों से भी मीटिंग कर सकते हैं.
वहीं इस दौरे के पर यूके पीएम ने कहा, 'जब हम निरंकुश राज्यों से अपनी शांति और समृद्धि के लिए खतरों का सामना कर रहे हैं, तो यह ज़रुरी है कि लोकतंत्र और मित्र देश एक साथ रहें. भारत, एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और दुनिया का बड़ा लोकतांत्रिक देश है, इस अनिश्चित समय में वह UK के लिए अत्यधिक मूल्यवान रणनीतिक भागीदार है.'
बता दें कि ब्रिटेन में बसे भारतीय-ब्रिटिश नागरिकों में से आधे से ज़्यादा गुजराती मूल के हैं. लिहाज़ा डायस्पोरा कनेक्ट के तौर पर भी इसे अहम माना जा रहा है. यूके सरकार ने कहा कि साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में आर्थिक, रक्षा, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जाएगा.
2021 में हुई थी वर्चुअल मीटिंग
इससे पहले मई 2021 में दोनों नेताओं के बीच वर्चुअल मीटिंग हुई थी और 2030 के रोडमैप पर बात हुई थी. यह रोडमैप स्वास्थ्य, जलवायु, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और रक्षा में यूके-भारत संबंधों के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है. बैठक के दौरान दोनों देश संबंधों की स्थिति को 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' (Comprehensive Strategic Partnership) तक बढ़ाने पर भी सहमत हुए थे. व्यापार समझौते की चर्चा के बीच इस वर्चुअल बैठक के प्रमुख परिणामों में दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक दोगुना करने पर सहमति बनी थी. वर्तमान में ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार लगभग 23 बिलियन पाउंड प्रति वर्ष है.
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