BBC IT Survey Row: ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने जयशंकर से बातचीत में उठाया बीबीसी आईटी सर्वे का मुद्दा
Britain on BBC IT Survey: भारत में पिछले महीने दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर विभाग की ओर से किए गए सर्वे को लेकर ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने प्रतिक्रिया दी है.
British Foreign Minister James Cleverly on BBC IT Survey: ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली (James Cleverly) ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर (S Jaishankar) से द्विपक्षीय बातचीत के दौरान बीबीसी (BBC) के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों में पिछले महीने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से किए गए सर्वेक्षण का मुद्दा बुधवार (1 मार्च) को उठाया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश विदेश मंत्री ने एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि उन्होंने मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्री से बात की है.
पिछले महीने 14 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक आयकर विभाग ने बीबीसी के कार्यालयों में सर्वेक्षण चलाया था. करीब 60 घंटे के सर्वे के बाद आयकर विभाग की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि बीबीसी के टैक्स भुगतानों में अनियमितताएं पाई गईं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा था कि बीबीसी की आय और उसकी विभिन्न संस्थाओं की ओर से दिखाया गया मुनाफा भारत में परिचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं है. ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंटेशन को लेकर कई विसंगतियां पाई गईं. वहीं, बीबीसी की ओर कहा गया था कि वह अधिकारियों का सहयोग करना जारी रखेगा और भय या पक्षपात के बिना पत्रकारिता जारी रहेगी.
'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री पर विवाद के बीच हुआ था सर्वे
बता दें कि यह सर्वे 2002 वाले गुजरात दंगों पर बीबीसी के लंदन मुख्यालय की ओर से जारी की गई डॉक्यूमेंट्री पर विवाद के बीच हुआ था. बीबीसी ने 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिस पर भारत सरकार की ओर से भारत में प्रसारित करने की रोक लगाई गई. इस डॉक्यूमेंट्री के समर्थन और विरोध में दो धड़े देश में देखे गए. मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हुई.
पिछले हफ्ते ब्रिटेन सरकार की आई थी ये प्रतिक्रिया
21 फरवरी को ब्रिटेन सरकार ने बीबीसी आईटी सर्वे को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के उप मंत्री डेविड रटले (David Rutley) ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में कहा था कि सरकार बीबीसी पर लगे टैक्स के आरोपों पर टिप्पणी नहीं कर सकती लेकिन मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मजबूत लोकतंत्र के जरूरी तत्व हैं. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के भारत के साथ व्यापक और गहरे संबंध है और रचनात्मक तरीके चर्चा की जा सकती है. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन बीबीसी के लिए खड़ा है और चाहता है कि बीबीसी को संपादकीय स्वतंत्रता मिले.
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