नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने के भारत के कदम की आलोचक रहीं एक ब्रिटिश सांसद ने कहा कि उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वहीं से लौटा दिया गया. सांसद ने दावा किया कि उनके पास वैध वीजा होने के बावजूद भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया. उन्हें दुबई भेज दिया गया जहां से वह दिल्ली गयी थीं.


लेबर पार्टी की सांसद डेब्बी अब्राहम के इस दावे का कि उनके पास वैध वीजा था, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खंडन किया और कहा कि उन्हें (पहले ही) सूचना दे दी गई थी कि उनका ई-वीजा रद्द कर दिया गया है.


सासंद का दावा बिना कारण बताए वीजा किया गया रद्द


कश्मीर पर ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप की अध्यक्ष अब्राहम ने कहा कि वह अपने परिवार और दोस्तों से मिलने वैध ई वीजा पर यात्रा कर रही थीं लेकिन बिना कारण बताये उनका वीजा रद्द कर दिया गया. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि ब्रिटिश सांसद को समुचित ढंग से सूचना दे दी गई थी कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है .


इस संबंध में संपर्क करने पर अब्राहम ने कहा कि उन्हें '13 फरवरी से पहले कोई मेल नहीं मिला था'. उन्होंने कहा कि उसके बाद से वह यात्रा पर हैं और अपने कार्यालय से दूर हैं. ब्रिटेन में उनके कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें दुबई जाने वाले एक विमान में बिठा दिया गया जहां से वह सोमवार को दिल्ली पहुंची थीं.


नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा, ''हम यह समझने के लिए भारतीय अधिकारियों के संपर्क में है कि क्यों सांसद अब्राहम को भारत में प्रवेश से वंचित किया गया. जब वह नयी दिल्ली हवाई अड्डे पर थीं तब हमने उन्हें दूतावास सहायता प्रदान की.''


'वीजा अक्टूबर 2020 तक वैध था'


बताया जाता है कि अब्राहम का ई-वीजा पिछले साल अक्टूबर में जारी किया गया था और वह अक्टूबर 2020 तक वैध था. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि सोमवार सुबह वह यहां पहुंची थीं और उन्हें बताया गया कि उनका ई वीजा रद्द कर दिया गया है.


ब्रिटिश सांसद ने कहा कि वह अपने दस्तावेजों और ई-वीजा के साथ आव्रजन डेस्क के सामने पेश हुईं. उन्होंने कहा, ''अधिकारी ने अपनी स्क्रीन पर देखा और अपना सिर हिलाने लगा. उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा वीजा रद्द कर दिया गया है, उन्होंने मेरा पासपोर्ट ले लिया और वह करीब दस मिनट तक वह गायब हो गये.''


उन्होंने कहा, ''जब वह लौटे तो बड़े बदमिजाज और आक्रामक थे, उन्होंने मुझपर चिल्लाते हुए कहा, 'मेरे साथ आइए.' मैंने उनसे कहा कि मेरे साथ इस तरह बात मत कीजिए. तब मुझे एक घिरे हुए क्षेत्र में ले गये जिसका 'डिपोर्टी सेल' नाम दिया गया था. उन्होंने (अधिकारी ने) मुझे बैठने का आदेश दिया और मैंने मना कर दिया. मुझे नहीं पता था कि वे क्या करेंगे या वे मुझे कहां ले जायेंगे इसलिए मैं चाहती थी कि लोग मुझे देखें.''


'किसी को नहीं पता मेरा वीजा क्यों रद्द हुआ'


उन्होंने कहा कि आव्रजन अधिकारी फिर गायब हो गये. उन्होंने कहा कि तब उन्होंने अपनी एक रिश्तेदार को फोन किया जिनके यहां वह ठहरने वाली थीं. उन्होंने ट्वीट किया, ''काई ने ब्रिटिश उच्चायोग से संपर्क किया और उन्होंने यह पता करने का प्रयास किया कि चल क्या रहा है.''


ब्रिटिश सांसद ने कहा कि बाद में कई आव्रजन अधिकारी उनके पास आये लेकिन उनमें से किसी को पता नहीं था कि उनका वीजा क्यों रद्द किया गया. उन्होंने कहा, ''यहां तक की इस डेस्क के प्रभारी जान पड़ रहे व्यक्ति ने भी कहा कि उन्हें पता नहीं है और जो कुछ हुआ है, उसके लिए उन्हें खेद है.''


थरूर ने उठाए सवाल


अब्राहम को वापस भेजे जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यदि सरकार यह दावा करती है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है तो वह आलोचकों से क्यों डरी हुई है. उन्होंने ट्वीट किया, ''ब्रिटिश सांसद, जिन्होंने जम्मू कश्मीर पर सरकार की आलोचना की, पर प्रतिक्रिया स्वरूप उन्हें हवाई अड्डे पर रोक दिया गया : यह आचरण एक लोकतंत्र के लिए वाकई शोभनीय नहीं है.''


अब्राहम उन सांसदों में एक हैं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में आर्टिकल- 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिये जाने के बाद औपचारिक पत्र जारी किये थे.


इन विपक्षी सांसद ने उस समय ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब को पत्र लिखकर कहा था, ''हम भारत के गृह मंत्री अमित शाह के इस ऐलान से बहुत चिंतिंत हैं कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने से संबंधित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा हटा दिया गया.''


तमिलनाडु: चेन्नई में सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थल पर मुस्लिम युगल ने रचाई शादी