नई दिल्ली: जहां एक ओर अयोध्या में भूमि पूजन की तैयारी ज़ोर शोर से चल रही है, वहीं इसपर अलग अलग तरीके का विरोध भी शुरू हो गया है. पूजन के मुहूर्त और पूजन में जुटने वाली भीड़ पर सवाल उठने के बाद अब इसके दूरदर्शन पर सीधे प्रसारण का भी विरोध शुरू हो गया है.
सीपीएम सांसद ने किया विरोध
केरल से सीपीएम सांसद बिनॉय विश्वम ने सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा है. पत्र में विश्वम ने भूमि पूजन का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर करवाए जाने के फ़ैसले को ग़लत बताते हुए इसका विरोध किया है. विश्वम ने पत्र में प्रसार भारती क़ानून के अनुच्छेद 12 के खंड 2(के) का हवाला देते हुए कहा कि दूरदर्शन का मुख्य उद्देश्य देश की एकता और अखंडता के साथ संविधान की भावना को बनाए रखना है. उन्होंने दावा किया कि भूमि पूजन का लाइव प्रसारण धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सौहार्द के आधार पर बने भारत जैसे देश की अखंडता के ख़िलाफ़ है. उनका आरोप है कि 1992 में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद देश में धार्मिक सौहार्द लगातार संकट में रहा है.
भूमि पूजन का राजनीतिकरण ना हो
विनोद विश्वम ने अपने पत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद भले ही मामला सुलझ गया हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भूमि पर लम्बा विवाद चला है. ऐसे में सरकार के लिए इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करना धर्मनिरपेक्ष देश की भावना के ख़िलाफ़ होगा. ऐसे में विश्वम ने जावड़ेकर को सलाह दी है कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर करने से सरकार को बचना चाहिए.
5 अगस्त को होगा भूमि पूजन
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम रखा गया है. कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर भी किए जाने की योजना है.
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