मुंबई: कोरोना संकट के दौरान ज्यादातर सेक्टर में मंदी का माहौल देखने को मिल रहा है, लेकिन मुम्बई के रियल इस्टेट सेक्टर में जैसे बहार आ गई हो. लोगों ने इस तरह से घरों की खरीददारी की है कि कई सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. डिपार्टमेंट ऑफ स्टंप एंड रेजिस्ट्रेशन के आकड़ों के मुताबिक अभी दिसंबर का महीना पूरा नहीं हुआ और आधे महीने में ही रिकॉर्ड तोड़ करीब 9 हज़ार घरों की बिक्री हुई है. जिसकी वजह से मुंबई के रियल इस्टेट सेक्टर में बहार आ गई है.
रियल इस्टेट के जानकारों के मुताबिक इस सेक्टर का धंधा पहले से ही मंदा चल रहा था लेकिन साल 2020 की शुरुआत से कोरोना संकट ने इस सेक्टर को बेदम कर दिया था. उम्मीद जताई जा रही थी कि इसे उबरने में कई साल लग जायेंगे लेकिन हुआ उसके उल्टा. नवंबर दिसंबर महीने से घर के ग्राहक जिस तरह दिलचस्पी दिखा रहे हैं उससे रियल इस्टेट के कारोबार को भारी राहत मिली है.
रियल इस्टेट के जानकार वरुण सिंह बताते है कि इस रौनक की सबसे बड़ी वजह है स्टैंप ड्यूटी में छूट और होम लोन की ब्याज में कमी. रियल स्टेट के जानकारों की मानें तो होम लोन के रेट कम करने और स्टैंप ड्यूटी में छूट मिलने की वजह से ग्राहकों ने घर खरीदने की ज्यादा हिम्मत जुटाई है. स्टैंप ड्यूटी के लिए पहले जो रेट 5 प्रतिशत था महाराष्ट्र सरकार ने घटाकर उसे 2 प्रतिशत कर दिया है यानी 3 प्रतिशत की सीधे कमी. इस वक़्त होम लोन की ब्याजदर जितनी कम देखने को मिल रही है शायद ही कभी ऐसा हुआ हो.
इन दोनों फायदे के अलावा जानकर बताते हैं कि अगर ग्राहक घर खरीदने के लिए बिल्डर के पास जाता है और वह मोलभाव करता है तो बिल्डर सही ग्राहक को काफी छूट भी दे रहे हैं. जाहिर है ग्राहक को इतना फायदा होगा तो वह मौके का फायदा जरूर उठायेगा. यही वजह है मुंबई में खड़ी बहुमंजिला इमारते जिन्हें सालो से ग्राहकों का इंतजार था वह धड़ाधड़ बिकती जा रही हैं.
जानकारों के मुताबिक ग्राहक को इसी तरह से अगर फायदा मिलता रहा तो वह ऐसे ही घरों की खरीदारी करते रहेंगे लेकिन बिल्डर अगर मौके का फायदा उठाते हुए घरों के रेट बढ़ाने की कोशिश करेंगे तो उनके ग्राहक फिर से भाग सकते हैं और मुंबई के रियल स्टेट में जो दिख रहा है वह फिर कम हो जाएगा.