नई दिल्ली: कर्नाटक के चौथी बार सीएम बने येदुरप्पा को आज विधानसभा में बहुमत साबित करना है. कांग्रेस और जेडीएस के बाकी 14 बागी विधायकों को भी स्पीकर के अयोग्य ठहराने के बाद येदुरप्पा की राह में कोई रोड़ा नजर नहीं आ रहा. स्पीकर रमेश कुमार ने सभी 17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है. स्पीकर रमेश कुमार ने 25 जुलाई को 3 बागी विधायकों आर शंकर (केपीजेपी विधायक जिसने कांग्रेस के साथ विलय किया था) और रमेश जर्किहोली (कांग्रेस), महेश कुमठल्ली (कांग्रेस) को अयोग्य ठहराया था.


वहीं रविवार के 14 और विधायकों आनंद सिंह (कांग्रेस), प्रताप गौड़ा पाटिल (कांग्रेस), बीसी पाटिल (कांग्रेस), शिवराम हेब्बार (कांग्रेस), एस टी सोमशेखर (कांग्रेस), बायरती बसवराज (कांग्रेस), रोशन बैग (कांग्रेस), मुनीरतना (कांग्रेस), के सुधाकर (कांग्रेस), एमटीबी नागराज (कांग्रेस), श्रीमंत पाटिल (कांग्रेस) और ए एच विश्वनाथ (जेडीएस), नारायण गौड़ा (जेडीएस), के गोपलाईया (जेडीएस) को अयोग्य घोषित किया था.


स्पीकर के फैसले को कांग्रेस-जेडीएस के बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. जेडीएस नेता और बागी विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा कि फैसला ‘कानून के विरुद्ध’ है और वह अन्य असंतुष्ट विधायक के साथ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. विश्वनाथ ने कहा, ''अयोग्यता विधि विरुद्ध है...मात्र उन्हें जारी व्हिप के आधार पर आप विधायकों को सदन में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.''


मौजूदा समय में कर्नाटर विधानसभा में नंबरों की बात करें तो विधासभा में कुल 225 विधायक हैं. 225 में 17 अयोग्य करार होने के बाद विधानसभा का आंकड़ा 208 पर पहुंच गया है. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 105 विधायक चाहिए. निर्दलीय के समर्थन के साथ बीजेपी का आंकड़ा 106 विधायक पर पहुंच रहा है. जबकि कांग्रेस और जेडीएस के पास महज 100 विधायक ही हैं. येदियुरप्पा तो फ्लोर टेस्ट पास कर लेंगे लेकिन 17 विधायकों के अयोग्य ठहराने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर खड़ा हो गया है.


नंबर से साफ है.. कि बीजेपी की राह बिल्कुल आसान है और येदियुरप्पा अपनी कुर्सी बचाने में पूरी तरह से कामयाब होंगे. बीजेपी के नेता कॉन्फिडेंट हैं लेकिन कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट में कुछ भी हो सकता है. उधर जीडीएस के बीजेपी को समर्थन देने की अटकलों पर कुमार स्वामी ने फुलस्टॉप लगा दिया है और कहा कि जेडीएस विपक्ष की भूमिका निभाएगा. मौजूदा आंकड़ों को देखकर लगता भी नहीं कि बीजेपी को जेडीएस के समर्थन की जरूरत है. इसके साथ ही बीजेपी की तरफ से स्पीकर रमेश कुमार को पद छोड़ने के लिए कह दिया गया है, जो पारंपरिक रूप से सत्तारूढ़ दल के किसी सदस्य के पास होता है. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.