कर्नाटक: खरीद फरोख्त रोकने के लिए कांग्रेस-JDS ने बेंगलूरू के रिसॉर्ट में भेजे विधायक
कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस की बड़ी चुनौती है कि वह अपने विधायकों को तोड़फोड़ से रोके. इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और जेडीएस के वरिष्ठ नेता कुमारस्वामी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है.
बेंगलूरू: कर्नाटक में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदुरप्पा के शपथ ग्रहण का रास्ता साफ हो चुका है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सूबे के राज्यपाल वजुभाई वाला आज शपथ दिलाएंगे. येदुरप्पा के पास अब बहुमत साबित करने की चुनौती है. उन्हें राज्यपाल में 15 दिनों का वक्त दिया है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर 104 सीटों वाली बीजेपी कैसे 112 का जादुई आंकड़ा छूएगी. राज्य में सरकार बनाने के लिए फिलहाल 112 सीटों की जरूरत है.
साफ है कि कांग्रेस, जेडीएस और अन्य छोटे दलों के नेता या तो येदुरप्पा को अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से समर्थन देंगे. या फिर बीजेपी बहुमत साबित करने में विफल होगी. इस बीच कांग्रेस जेडीएस की बड़ी चुनौती है कि वह अपने विधायकों को तोड़फोड़ से रोके. इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और जेडीएस के वरिष्ठ नेता कुमारस्वामी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. दोनों नेता बेंगलूरू के रिसॉर्ट में विधायकों के साथ मौजूद हैं.
कांग्रेस-जेडीएस का प्रदर्शन कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा बीएस येदुरप्पा को मौका दिये जाने और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच कांग्रेस और जेडीएस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने देर रात कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई की और अदालत ने राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
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ध्यान रहे की बीजेपी राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में 104 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं चुनाव के बाद बने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 116 विधायक हैं. इस गठबंधन ने भी राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया था. कांग्रेस का सवाल है कि जब उसके पास बहुमत है तो राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के न्योता क्यों दिया?
खरीद-फरोख्त का आरोप कल दिनभर चली गहमागहमी के बीच जेडीएस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और कहा कि विधायकों को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है.