(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
येदियुरप्पा ने शपथ के लिए मुहूर्त तक निकलवा लिया लेकिन अचानक बदला प्लान, BJP की राह में हैं कई रोड़े
कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनाने के लिए स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है. कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद ऐसी संभावना थी कि जल्द ही बीजेपी राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
बेंगलुरू: कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद आज ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. उसके बाद गुरुवार को वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, शुक्रवार को विश्वासमत होगा और सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा. प्लानिंग पूरी कर ली गई थी लेकिन ऐन मौके पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस प्लान को फिलहाल के लिए रोक दिया.
कुमारस्वामी की विदाई के बाद देर रात तक बीजेपी नेताओं की बैठक चली. आज सुबह बीजेपी के सभी विधायकों को यह संदेश पहुंचा दिया गया था कि वे सभी बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में जमा हो जाएं, वहां पर बीजेपी की विधायक दल की बैठक होने वाली थी. येदियुरप्पा भी अपने घर से बीजेपी दफ्तर के लिए निकले थे लेकिन अचानक उनके रूट में बदलाव हुआ. बीजेपी दफ्तर की बजाए वे चामराजपेट इलाके में मौजूद RSS के प्रदेश मुख्यालय पहुंच गए. उन्होंने आरएसएस के नेताओं से मुलाकात की उसके बाद मीडिया से कहा कि आलाकमान से अगला निर्देश मिलने के बाद ही वे गवर्नर से मुलाकात करेंगे.
इसके बाद येदियुरप्पा बीजेपी दफ्तर आने की बजाए अपने आवास लौट गए. उस वक्त तक बीजेपी के जितने भी एमएलए पार्टी दफ्तर में बैठक के लिए जमा हुए थे उन्हें भी वहां से जाने के लिए कह दिया गया. पार्टी सूत्रों की मानें तो अचानक इस प्लान में बदलाव किए जाने के पीछे दो बड़ी वजह है.
स्पीकर के फैसले का इंतजार: पहला बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला जो स्पीकर के पास फैसले के लिए लंबित है और दूसरा कर्नाटक के सियासी संकट को लेकर व्हिप के संवैधानिक अधिकार के हनन का एक मामला जो कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है. बीजेपी आलाकमान इस बात की तसल्ली कर लेना चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट और स्पीकर क्या फैसला करते हैं. क्योंकि आलाकमान को इस बात का एहसास है कि कर्नाटक में सरकार बना लेना बहुत आसान है लेकिन अगर बागी विधायकों को लेकर BJP के पक्ष में फैसला नहीं हुआ तो सरकार को चलाना काफी मुश्किल हो जाएगा.
येदियुरप्पा ने निकलवा लिया था मुहूर्त: यही वजह है कि बीजेपी कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा से फिलहाल इंतजार करने को कहा है. हालांकि येदियुरप्पा काफी जल्दबाजी में नजर आ रहे हैं. आज अपने आवास पर अपने खास पंडितों को बुलाकर शपथ ग्रहण के लिए गुरुवार दोपहर तीन बजकर 28 मिनट से 3 बजकर 48 मिनट का वक्त या फिर शुक्रवार शाम 4 बजे का मुहूर्त भी निकलवा लिया था. लेकिन अब पार्टी हाईकमान के निर्देश के बाद येदियुरप्पा के पास इंतजार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
कांग्रेस-जेडीएस की बैठक: दूसरी तरफ सरकार से बाहर हो जाने के बाद आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस के नेताओं ने भी बैठक की. वहीं जेडीएस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने भी पार्टी मुख्यालय जेपी भवन में अपने विधायकों के साथ बैठक की. कांग्रेस ने आने वाले समय में बनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा की. चर्चा इस बात पर भी हुई कि क्या सरकार के गिर जाने के बावजूद जेडीएस के साथ दोस्ती कायम रहेगी.
वहीं जेडीएस ने एकला चलो रे का सिद्धांत अपनाने का फैसला कर लिया है और आने वाले दिनों में पार्टी को पूरे राज्य में और भी मजबूत करने का फैसला इस बैठक में लिया गया है. इस बैठक के बाद केयर टेकर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपने आधिकारिक आवास कृष्णा में राज्य के तमाम बड़े अधिकारियों को बुलाया. पिछले 14 महीने की उनकी सरकार में उनके सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और साथ में यह चेतावनी भी दे दी कि राज्य में अनिश्चितता की स्थिति आने वाले समय में भी कम नहीं होने वाली है.
वहीं स्पीकर रमेश कुमार ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह आने वाले 2 दिनों में बागी विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी शिकायत पर फैसला ले लेंगे. ऐसे में अब लगता है कि बीजेपी स्पीकर के फैसले का इंतजार करेगी और इस दौरान अगर सुप्रीम कोर्ट में यह मामला सुनवाई के लिए आता है तो सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख होगा, बीजेपी आलाकमान इन पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है. इसलिए फिलहाल ऐसा लग रहा है कि येदियुरप्पा सत्ता के पास आकर भी सत्ता से दूर हैं.