येदियुरप्पा का इस्तीफा: कर्नाटक को जल्द मिलेगा नया मुख्यमंत्री, जानिए सीएम की रेस में कौन से चेहरे हैं आगे?
येदियुरप्पा ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री के सामने इस्तीफ़े की पेशकश की. उन्होंने अपने ख़राब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश की थी.
नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए विधायक दल की बैठक होगी. देर शाम तक नए मुख्यमंत्री का नाम केंद्रीय नेतृत्व तय कर सकता है. येदियुरप्पा ने एक कार्यक्रम में भावुक भाषण के दौरान अपने पद से इस्तीफ़े के का एलान किया.
पिछले हफ़्ते 17 जुलाई को वे इस्तीफ़े का संकेत दे चुके थे और उन्होंने कहा था, “पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मन में मेरे प्रति बहुत सम्मान और प्यार है. बीजेपी में नीति साफ़ है कि किसी के भी 75 के पार हो जाने के बाद उनके लिए कोई पद नहीं होगा. मेरे लिए उन्होंने मेरे काम की सराहना की और उन्होंने मुझे 78-79 साल की उम्र तक काम करने दिया. मेरा इरादा राज्य में पार्टी को मजबूत करने का है और पार्टी को सरकार में वापस लाना है. 26 तारीख के को 2 साल पूरे होंगे. उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा जी जो कहेंगे उसका पालन करेंगे.”
उन्होंने कहा था कि बीजेपी को सत्ता में वापस लाना मेरा कर्तव्य है. मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि अनुशासन का पालन करें, पार्टी जो भी फैसला करेगी मैं काम करूंगा. पार्टी के सभी कार्यकर्ता व साधु सहयोग करेंगे.
सूत्रों की मानें तो येदियुरप्पा ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री के सामने इस्तीफ़े की पेशकश की. उन्होंने अपने ख़राब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश की थी. हालांकि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना होगा. शुक्रवार को येदियुरप्पा को इस बात को फिर से बता दिया गया था. पार्टी नेतृत्व के अगले कदम को भांप कर येदियुरप्पा ने पहले ही अपनी तरफ़ से इस्तीफ़े की पेशकश कर दी. हालांकि उससे पहले वे अपने ख़ेमे की शोभा करंदलाजे को केंद्र में मंत्री बनाने में कामयाब हो गए हैं.
कर्नाटक के नए मुख्य मंत्री की रेस में कौन?
लक्ष्मण सवदी, डिप्टी सीएम
बसवराज बोम्मई
मुर्गेश निराणी
वसव गौडा एतनाल
अश्वत नारायण
विश्वेश्वर हेगड़े
प्रह्लाद जोशी
लक्ष्मण सवदी- येदियुरप्पा की सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं, तीन बार विधायक, दो बार के मंत्री, फ़िलहाल MLC हैं, 2019 में मुख्यमंत्री बनाया गया, बड़ा लिंगायत चेहरा.
बसवराज बोम्मई- गृह राज्य मंत्री हैं. लिंगायत चेहरा हैं. पूर्व सीएम एसआर बोम्मई के बेटे हैं. जनता दल यूनाइटेड से बीजेपी में शामिल हुए और दो बार विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं. 2008 से लगातार सीग्गोन से विधायक हैं. वे दूसरी बार बीजेपी सरकार में मंत्री बने हैं.
मुर्गेश निराणी- बिलग़ी विधानसभा से तीन बार विधायक, कर्नाटक सरकार में खान और भूविज्ञान मंत्री हैं. 2014 में मेक इन इंडिया पुरस्कार भी मिला है.
वसव गौडा एतनाल- तेज़तर्रार लिंगायत नेता, वाजपेयी सरकार में 2002 से 2003 तक कपड़ा राज्य मंत्री थे और 2003 से 2004 तक रेल राज्य मंत्री और 2018 से विजयपुर से विधायक हैं. बीजापुर लोकसभा क्षेत्र से दो बार वे संसद सदस्य रहे हैं और एक बार विधान परिषद के सदस्य रहे.
अश्वत नारायण - वोकालिग्गा चेहरा, फ़िलहाल उप मुख्यमंत्री हैं. चार बार से बंगलोर मल्लेश्वरम से विधायक हैं. सदानंद गौड़ा के बाद बीजेपी में सबसे बड़ा वोकालिग्गा चेहरा.
विश्वेश्वर हेगड़े- विधानसभा अध्यक्ष हैं.
प्रह्लाद जोशी- धारवाड़ से सांसद हैं, केंद्र में संसदीय कार्य मंत्री हैं. प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में बड़ी जीत का इनाम मिला और केंद्र में मंत्री बनाए गए. ब्राह्मण चेहरा हैं, ग़ैर लिंगायत चेहरा हैं.
अगले कुछ दिनो में पार्टी नेतृत्व नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लेगा. उसके बाद विधायक दल के नए नेता का चुनाव होगा. फ़िलहाल दक्षिण भारत में पहली बार कमल खिलाने वाले बीएस येदियुरप्पा का सूरज अब ढलान पर हैं.
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