अमित शाह के हिंदी वाले बयान पर येदियुरप्पा की दो टूक, कहा- हम कन्नड़ भाषा से समझौता नहीं करेंगे
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के हिंदी वाले बयान को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में राजनीतिक पार्टियां विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि हिंदी थोपने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा.
बेंगलुरु: हिंदी को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर गैर हिंदी भाषी प्रदेशों में राजनीतिक संग्राम शुरू हो गया है. विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. यही नहीं गैर हिंदी भाषी प्रदेशों में बीजेपी भी अमित शाह के बयान से सहमत नहीं है. आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य में कन्नड़ से कोई समझौता नहीं करेंगे.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ''हमारे देश में सभी आधिकारिक भाषाएं समान हैं. हालांकि, जहां तक कर्नाटक का सवाल है, कन्नड़ प्रमुख भाषा है. हम कभी भी इसके महत्व से समझौता नहीं करेंगे और हम कन्नड़ और राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.''
All official languages in our country are equal. However, as far as Karnataka is concerned, #Kannada is the principal language. We will never compromise its importance and are committed to promote Kannada and our state's culture.
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) September 16, 2019
दरअसल, शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर ट्वीट किया था...पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है, जो विश्व में भारत की पहचान बने. उन्होंने कहा था, "भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है. मगर पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है, जो विश्व में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है, तो वह सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है."
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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान के बाद तमिलनाडु में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है.डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा, "यह चौंकाने वाला है. यह निश्चित रूप से भारत की एकता को प्रभावित करेगा. मैं डीएमके की ओर से उनसे अपील करता हूं कि वह अपने विचार वापस लें."
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