कर्नाटक के CM येदियुरप्पा ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, पीएम मोदी और अमित शाह का किया शुक्रिया
बीएस येदियुरप्पा की सरकार को कर्नाटक में आज दो साल पूरे हो गए. आज ही येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया.
बेंगलुरु: कर्नाटक में लंबी खींचतान के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. येदियुरप्पा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है. राज्यपाल ने स्वीकार भी कर लिया है. इसके थोड़ी देर पहले ही येदियुरप्पा ने एक समारोह में भाषण देते हुए इस्तीफा देने का एलान किया था. उन्होंने 75 साल से अधिक उम्र होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर पीएम मोदी, अमित शाह का धन्यवाद किया.
येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए कहा, 'मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैं दु:खी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे 75 साल की उम्र के बाद भी पद पर बने रहने दिया. मैं भविष्य में पार्टी निर्माण गतिविधियों में शामिल रहूंगा.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. उन्होंने दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं.
कौन होगा येदियुरप्पा का उत्तराधिकारी?
खास बात ये है कि आज येदियुरप्पा सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे हो गए हैं. सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर येदियुरप्पा आलाकमान के आगे झुक गए. अब कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसपर कल तक फैसला हो जाएगा. खबर मिल रही है कि बीजेपी के पर्यवक्षक कल कर्नाटक जाएंगे. यहां विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी. इसके बाद मंगलवार शाम को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा सकता है.
कर्नाटक के नए सीएम का फैसला मंगलवार शाम तक हो जाएगा. उधर कर्नाटक सरकार में खान मंत्री मुर्गेश निराणी और संगठन मंत्री मुकुंद दिल्ली आए हुए हैं. मुर्गेश निराणी लिंगायत नेता हैं और तीन बार से लगातार बगलकोट की विल्गी सीट से विधायक हैं. हालांकि येदियुरप्पा राज्य के अलगे सीएम के लिए गृह मंत्री बसवराज बोम्मई के पक्ष में हैं. जबकि केंद्रीय नेतृत्व मुर्गेश निराणी और प्रह्लाद जोशी में से किसी को सीएम बनाना चाहता है. मुर्गेश इसमें फ्रंट रनर हैं. वह आरएसएस के नजदीक है और लिंगायत चेहरा है.
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