लॉकडाउन के चलते नहीं बिक सकीं BS4 गाड़ियां, अब डीलर करोड़ों की कारें कबाड़ में बेचने को मजबूर
देश में मार्च के महीने से लगे लॉकडाउन के चलते BS4 वाहने बिक नहीं सकी. जिस कारण अब हज़ारों नई कारें और दुपहिया वाहन आने वाले दिनों में डीलरों को कबाड़ में बेचनी पड़ सकती हैं.
नई दिल्ली: देश में ऑटोमोबाइल बाजार की स्थिति बेहद ही खराब होने आशंका जताई जा रही है. दरअसल, 1 अप्रैल 2020 से देश में सिर्फ BS 6 उत्सर्जन मानकों वाले वाहन ही बिक सकते हैं. BS 4 वाले वाहनों के देश में बिकने और रजिस्टर होने की आखिरी तारीख 31 मार्च थी. लेकिन, मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन के चलते सभी ऑटोमोबाइल डीलरशिप बंद हो गई. लिहाज़ा, BS 4 वाहनों की बिक्री नहीं हो पाई.
इसके बाद ऑटोमोबाइल डीलर्स की संस्था FADA सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने डीलर्स को स्टॉक बेचने के लिए कुछ रियायतें भी दीं. लेकिन, डीलर्स अपना BS 4 वाहनों का स्टॉक नहीं बेच पाए. अब, बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान डीलर्स की संस्था ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें बचा हुआ BS 4 स्टॉक ऑटोमोबाइल कंपनियों को वापस करने दिया जाए, जिससे कंपनियां इन वाहनों को दूसरे देशों में निर्यात कर सकें.
इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "इसके लिए कोर्ट ऑर्डर क्यों पास करे? निर्माताओं को डेडलाइन का पहले से पता था." सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद अब अंदेशा लगाया जा रहा है कि डीलरों को रियायत मिलना मुश्किल है. ऐसे में अब डीलरों के सामने सबसे बड़ी समस्या उन BS 4 वाहनों को लेकर आ खड़ी हुई जो अब देश में न तो बिक सकते हैं और न ही रजिस्टर हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो डीलरों का कहना है कि ये गाड़ियां उन्हें कबाड़ में बेचनी पड़ेंगी.
देश में BS 4 वाहनों को लेकर अलग-अलग आंकड़े बताए जा रहे हैं. FADA से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में लगभग 5-6 हज़ार BS 4 वाहन होने का अनुमान है, लेकिन, देश में बड़ी संख्या में डीलर FADA के मेंबर नहीं हैं. अगर उनका भी अनुमान लगाया जाए तो BS 4 वाहनों का आंकड़ा 50 हज़ार तक भी जा सकता है. शिवा ब्रांड के तहत कई नामी ऑटोमोबाइल कंपनियों के डीलर अमित गर्ग कहते हैं कि मेरी जानकारी के हिसाब से देश भर के डीलर्स के पास लगभग 50 हज़ार या इससे भी ज़्यादा BS 4 वाहनों का स्टॉक मौजूदा समय में है.
अगर इन वाहनों को बेचने की इजाजत डीलर्स को नहीं मिलती है तो डीलर्स को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचेगा. ऐसे में देश में कई डीलरशिप बंद भी हो सकते हैं. पहले से ही ऑटोमोबाइल उद्योग की बुरी हालत है और अगर ऐसे में BS 4 स्टॉक बेचने की इजाजत नहीं मिलती है तो डीलरों को इन गाड़ियों को स्क्रेप में बेचना होगा. अमित गर्ग ने बताया कि स्काइप पर बेचने का सीधा-सीधा मतलब है की पोल में एलमुनियम का भाव मिलेगा और लोहे के पुर्जों का लोहे का भाव मिलेगा. इससे डीलर्स की कमर टूट जाएगी.
वहीं, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का रुख देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि देश में अब BS 4 वाहनों को बेचने और रजिस्टर करने में छूट दी जाएगी. जानकार कहते हैं की ऑटोमोबाइल कंपनियों को 2 साल पहले से मालूम था कि 1 अप्रैल से देश में सिर्फ BS 6 वाहन बिकेंगे.
लेकिन कंपनियां इसके बावजूद फरवरी के मध्य तक BS 4 वाहन बनाकर बेचती रहीं. ऐसे में गलती पूरी तरह से कंपनियों की है. लेकिन, अब इसका खामियाजा डीलरों को उठाना पड़ेगा. जाने-माने ऑटो विशेषज्ञ नबील खान बताते हैं कि यह दुनिया में पहली बार ऐसा होगा की नई कारें और दुपहिया वाहन क्राफ्ट में बेचे जाएंगे यानी के कबाड़ में बेचे जाएंगे. जो भी डीलर कबाड़ में वाहन बेचेंगे उन्हें वाहन की कुल कीमत का 10-15 फ़ीसदी पैसा ही वापस मिल पाएगा.
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