(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BSF 57th Raising Day: प्रधानमंत्री मोदी ने BSF के 57 वें स्थापना दिवस पर जवानों को दी बधाई, कहा- भारत की सुरक्षा में BSF का है महत्वपूर्ण योगदान
BSF 57th Raising Day: बीएसएफ की स्थापना वर्ष 1965 में भारत की सीमाओं की रक्षा और अन्तरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी.
BSF 57th Raising Day: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के स्थापना दिवस के अवसर पर इस अर्धसैनिक बल के कर्मियों को बधाई दी और देश की सुरक्षा के साथ ही आपदा व संकट की घड़ी में उसके योगदान की सराहना की. मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘स्थापना दिवस पर मैं बीएसएफ परिवार को बधाई देता हूं. साहस और पेशेवराना अंदाज के लिए बीएसएफ का व्यापक सम्मान किया जाता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सुरक्षा में बीएसएफ का महत्वपूर्ण योगदान है और वह आपदा व संकट की घड़ी में भी कई मानवीय कार्यों में आगे रहता है.’’
On their Raising Day, greetings to the @BSF_India family. BSF is widely respected for its courage and professionalism. The force makes a significant contribution towards securing India and is also at the forefront of many humanitarian efforts in times of crisis and calamities. pic.twitter.com/HybLzgsnDO
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2021
आज देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) का स्थापना दिवस है. यह हर साल 1 दिसंबर को मानाया जाता है. आज के दिन यानी 1 दिसंबर को BSF 57वां स्थापना दिवस मना रहा है. दरअसल आज के दिन ही 1965 में BSF का गठन किया गया था. बीएसएफ के स्थापना दिवस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी समेत कई नेताओं ने जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी है.
बीएसएफ, दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है
बीएसएफ की स्थापना वर्ष 1965 में भारत की सीमाओं की रक्षा और अन्तरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी. यह बल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है. बांग्लादेश की आज़ादी में 'सीमा सुरक्षा बल' की अहम भूमिका अविस्मरणीय है. बीएसएफ, दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगती भारत की 6386.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है. अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल ने राष्ट्र के लिए दायित्व और अपने आदर्श वाक्य ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया है.
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