जयपुर: लोग शादी में दुल्हन पक्ष से लाखों की डिमांड कर करते हैं. बिना ये जाने के वधु पक्ष की आर्थिक स्थिति क्या है. क्या उसकी मांग पूरी करने की क्षमता वधु पक्ष में है या फिर कर्ज लेकर अपनी बेटी की शादी कर रहा है. ऐसे दहेज लोभियों को किसी की भावना और किसी की समस्या से भला क्या मतलब ? लेकिन समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जिनकी पहल आईना दिखाने का काम करती है. जयपुर में एक शख्स ने मात्र 11 रूपये लेकर अनूठी मिसाल पेश की है. उसका ये कदम दहेज लोभियों के लिए मिसाल न बन गया है.
क्यों लौटाया दूल्हे ने 11 लाख कैश ?
BSF में कांस्टेबल के पद पर तैनात जितेंद्र सिंह अपनी बारात लेकर जयपुर आये थे. बैंड, बाजा और बारातियों के साथ शादी समारोह में लोग थिरक रहे थे. जब दूल्हे को दहेज में कैश देने की बारी आई तो उन्हें 11 लाख दिया गया. जिसको उन्होंने लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद शादी समारोह में हंगामा मच गया. लोगों के बीच कई तरह की चर्चा होने लगी. कुछ ने सोचा कि शायद दूल्हे की और ज्यादा डिमांड है और वधु पक्ष के लोग दहेज में तय रकम से कम दे रहे हैं. जबकि लड़की के परिजनों ने समझा कि बाराती उनकी तरफ से शादी में की गई व्यवस्था से नाराज हैं. लेकिन उनकी हैरानी की इंतेहा नहीं रही जब जिंतेद्र ने 11 लाख लेने के बजाये 11 रूपये नकद और नारियल वधु पक्ष से लेना मंजूर किया. और इस तरह 11 रूपये से दूल्हा दुल्हन शादी के बंधन में बंधे.
BSF जवान ने समाज को दिखाया आईना
BSF जवान की तैनाती छत्तीसगढ़ में है. समाज को मिसाली मार्ग दिखाने वाली पहल की बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “जिस दिन उन्हें पता चला कि उनकी होनेवाली संगिनी LLM किये हुए है और PhD पूरी कर रही है, उसी वक्त उन्होंने सोच लिया ये उनके लिए काफी है, उन्हें और कुछ नहीं चाहिए." जितेंद्र ने आगे कहा, "और उसी वक्त से उन्होंने दहेज नहीं लेने का फैसला कर लिया था. उनके फैसले में परिजनों ने भी साथ दिया." उन्होंने कहा कि दहेज ना लेने का एलान वो शादी समारोह में सबके सामने करेंगे. जितेंद्र का कहना है कि उनकी पत्नी राजस्थान न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही है. अगर वो जज बनकर लोगों को इंसाफ देती है तो ये उनके परिवार के लिए पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण होगा.